काशी विश्वनाथ जी को आखिर दीवारों की घेरे से मिलेगी मुक्ति!

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काशी विश्वनाथ जी को आखिर दीवारों की घेरे से मिलेगी मुक्ति!

प्रधानमंत्री मोदी ने 600 करोड़ के मंदिर कॉरिडोर की रखी नींव !

Kashi Vishwanath ji will finally get rid of walls
Prime Minister Modi laid foundation of 600 crore temple corridor!
अरविन्द यादव,
समाज विकास संवाद!
बनारस।

काशी विश्वनाथ जी को आखिर दीवारों की घेरे से मिलेगी मुक्ति,प्रधानमंत्री ने किया शिलान्यास, नरेंद्र मोदी ने

वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की नींव रखी, ऊं नम: शिवाय।

मोदी ने पहले मंदिर में विशेष अनुष्ठान और दर्शन-पूजन किया।

इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल राम नाईक भी मौजूद थे।

यूपी के तीन शहरों के दौरे पर आए पीएम ने सबसे पहले वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की।

इसके बाद काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया।

करीब 40 हजार वर्गमीटर इलाके में बन रहे इस कॉरिडोर पर 600 करोड़ रुपए की लागत आ रही है।

प्रधानमंत्री ने भूमि पूजन करते हुए ‘ऊं नम: शिवाय’ लिखी हुई शिलाओं का इस्तेमाल किया।

‘मुझे ऐसे कामों के लिए बुलाया गया था’

प्रधानमंत्री ने प्रॉजेक्ट का शिलान्यास करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि भोले बाबा की पहले किसी ने इतनी चिंता नहीं की।

महात्मा गांधी भी बाबा की इस हालत पर चिंतित थे।

2014 के चुनाव के दौरान मैंने कहा था कि मैं यहां आया नहीं हूं, मुझे यहां बुलाया गया है।

शायद मुझे ऐसे ही कामों के लिए बुलाया गया था।

 

काशी विश्वनाथ जी ! प्रधानमंत्री ने 600 करोड़ के मंदिर कॉरिडोर की किया शिलान्यास

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह चारों तरफ से दीवारों में घिरे भोले बाबा की मुक्तिका पर्व है।

मैं इस काम के लिए योगीजी की सरकार का धन्यवाद करता हूं। उन्होंने इसमें काफी सहयोग किया है।

अगर तीन साल पहले मुझे यूपी की तत्कालीन सरकार का साथ मिला होता, तो आज मैं इसका उद्घाटन कर रहा होता।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंदिर में प्रसाद स्वरूप बनारसी सिल्क का केसरिया दुपट्टा और रुद्राक्ष की माला भेंट की गई।

प्रधानमंत्री ने देश की तरक्की व विश्व कल्याण की कामना के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा की।

इसके बाद वह दीनदयाल हस्तकला संकुल में राष्ट्रीय महिला रोजगार सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे ,

और पांच महिला स्वयं-सेवा समूहों को प्रशस्ति पत्र दिया।

इन समूहों के सदस्यों ने प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभव भी बांटेंगे।

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आयुर्वेद संवाद, समाज विकास संवाद

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