बामपंथी लेखिका अरुंधती रॉय ने लिया कुख्यात बलात्कारी व् हत्यारा रंगा-बिल्ला का नाम!
NPR के मुद्दे पर भरकाने का किया प्रयास!
The leftist writer Arundhati Roy took the name of the infamous rapist and killer Ranga Billa! Attempted to mislead on NPR issue!
समाज विकास संवाद,
न्यू दिल्ली!
बामपंथी लेखिका अरुंधती रॉय ने लिया कुख्यात बलात्कारी व् हत्यारा रंगा-बिल्ला का नाम, अरुंधती रॉय के अनुसार केंद्र सरकार एन आर सी और डिटेंशन कैंप के मुद्दे पर झूठ बोल रहा है!
NPR के मुद्दे पर भरकाने का किया प्रयास! NPR के मुद्दे पर बामपंथी लेखिका अरुंधती रॉय ने भरकाया लोगों को,
कहा NPR के लिए नाम पूछें तो रंगा-बिल्ला बताएं और पता पीएम के घर का लिखवाएं:
बामपंथी लेखिका अरुंधती रॉय के मुताबिक केंद्रीय मोदी सरकार ने NRC और डिटेंशन कैंप के विषय पर झूठ बोल रही है!
यूनिवर्सिटी के नार्थ कैंपस में CAA के विरोध प्रदर्शन में सामिल हुए छात्रों छात्राओं को संबोधित करते हुए इस मशहूर बामपंथी लेखिका ने
केंद्र सरकार के खिलाफ भरकाऊ भाषण देते हुए कहा की
NPR के चलते अगर कोई सरकारी कर्मचारी यदि आप से आपका नाम पूछे तो उन्हें आपना नाम रंगा – बिल्ला बताओ !
साथ ही पता पूछने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निवास रेसकोर्स रोड लिखायो!
बामपंथी लेखिका अरुंधती रॉय के अनुसार केंद्र सरकार एन आर सी और डिटेंशन कैंप के मुद्दे पर झूठ बोल रहा है!
अरुंधती रॉय के अनुसार केंद्र सरकार एन आर सी और डिटेंशन कैंप के मुद्दे पर झूठ बोल रहा है
एवं छात्रों को भरकाने के उद्देश से रामलीला मैदान में दिया गया प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिया गया तत्थो को झूठा करार दिया है!
एक अत्यंत आश्चर्य चकित विषय ये है की अरुंधती रॉय जैसे जाने माने लेखिका जिन्हें बिभिन्न सरकारी अवार्ड द्वारा नवाज़ा गया ;
वे आपने भाषण में रंगा और बिल्ला जैसे दो कुख्यात अपराधियो का नाम कैसे ले सकती है !
ये मशहूर लेखिका युवक युवतीओं को कैसे इस कुख्यात बलात्कारी दरिंदो के नाम लेने पर प्रोत्साहित कर सकती है!
बामपंथी लेखिका अरुंधती रॉय! कौन था ये कुख्यात रंगा – बिल्ला ?
मुंबई के दो कुख्यात एवं दागी अपराधी कुलबीर सिंह एवं जसबीर सिंह उर्फ़ रंगा
एवं बिल्ला सन १९७८ में मुंबई के आर्थर रोड जेल से छुटने के तुरंत बाद
दोनो मासूम बच्चे; भाई-बहेन गीता एवं संजय चोपरा को फिरौती के लिए किडनैप कर लिया था !
ये दोनों मासूम बच्चे भारतीय नेवी के बरिष्ठ अधिकारी के थे!
ये जानकारी मिलने के बाद ये दोनों कुख्यात एवं अत्यंत घिनोना अपराधियो ने मिलकर
दोनों भाई बहेन को अमानविक यंत्रणा देना शुरू किया एवं
इनके साथ घिनोना रूप से बार बार बलात्कार कर इनको नारकीय यंत्रणा से मार दिया!
इस पाशविक अपराध के लिए ये दोनों को IPC के धरा 302, 363, 364, 367 एवं 34 के चलते
सर्वोच्च कोर्ट ने फांशी की साजा दे दिया !
सन १९८२ जिस साजा को करान्वित किया गया !
इन दोनों की अपराध इतना ही जघंन्य प्रकृति का था की रंगा-बिल्ला के फांशी के बाद
इनके परिवार बालो ने ये दोनों शव को लेने से एवं अंतिम संस्कार करने से साफ़ इनकार कर दिया था!
अरुंधती रॉय ने ये दोनों कुख्यात बलात्कारी हत्यारा का नाम एवं द्रिस्तंत लेकर ना तो केवल आपने साहित्य के प्रति परन्तु
ये देश की भावनाओ को ठेस पहुचाने का प्रयास किया है ; जो शायेद उनके जैसे व्यक्ति महत्त्व को शोभा नहीं देता!
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कुख्यात रंगा – बिल्ला
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