मोदी मिशन! वन नेशन-वन इलेक्शन (एक राष्ट्र – एक चुनाव) पर सेमिनार!
Modi Mission – “One Nation-One Election” One Nation – Seminar on One Election
समाज विकास संवाद!
मुंबई।
मोदी मिशन वन नेशन-वन इलेक्शन (एक राष्ट्र – एक चुनाव) पर सेमिनार!
भाजपा का थिंक टैंक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन ‘वन नेशन-वन इलेक्शन को
अमल में लाने के लिए पूरी तैयारियों में है। बीजेपी का थिंक टैंक ‘रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी
पर आम राय बनाने के लिए एक राष्ट्रीय सेमिनार की योजना बना रहा है।
बीजेपी इसे ‘मदर ऑफ ऑल रिफॉम्र्स यानी सभी सुधारों की जननी बता रही है।
इस थिंक टैंक के प्रमुख बीजेपी सांसद डॉ. विनय सहस्रबुद्धे हैं। यह थिंक टैंक मुंबई में
21 और 22 जनवरी को सेमिनार आयोजित किया ! इस सेमिनार में कई राजनीतिक दलों के
नेताओं रहे ।
उनके अलावा नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव, भारत के चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा
एसोसिएशन ऑर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स भी इसमें मुख्य वक्ता रहेंगे। इनके अलावा इस सेमिनार
में हिस्सा लेने वालों में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, जेडीयू नेता केसी त्यागी और बीजेडी नेता
बैजयंत पांडा भी शामिल हैं। दूसरी पार्टियों के नेताओं को भी इसमें बुलाया गया है और
उनकी सहमति का इंतजार किया जा रहा है। एनडीए के अन्य घटक दलों के अलावा
शिवसेना नेता भी इस सेमिनार में दिखाई देंगे।
मोदी मिशन वन नेशन-वन इलेक्शन ! एनडीए की पिछली सरकार में भी कई सुधारों को असंभव कहा जाता था।
डॉ. सहस्रबुद्धे ने कहा कि एनडीए की पिछली सरकार में भी कई सुधारों को असंभव कहा
जाता था। इसके बावजूद अटल सरकार में कैबिनेट सदस्यों की अधिकतम संख्या तय करना और
राज्य सभा वोटिंग में पारदर्शिता लाने जैसे सुधार किए गए। उन्होंने कहा,
हम इस मामले पर भी आम राय बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
अगर राजनीतिक दल माहौल के हिसाब से अपनी राय बदलेंगे तो सुधार संभव नहीं होंगे।
2015 में एक कांग्रेस सांसद की अध्यक्षता में संसद की स्थायी समिति ने बहुमत से सुझाव दिया
था कि सभी जरूरी मुद्दों का हल निकलना चाहिए। बीजेपी नेता ने कहा कि उन्हें किसी की
मंशा पर शक नहीं है, इसलिए जरूरी मुद्दों का हल निकालने से पहले आम राय बननी जरूरी है।
यह बीजेपी का एजेंडा नहीं, राष्ट्रीय एजेंडा है।
उन्होंने कहा कि नीति आयोग की एक रिपोर्ट भी कहती है कि अगर इस सुधार को लागू किया
तो काफी धन बचाया जा सकता है। इस सेमिनार में जा रहे जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने
कहा कि इसे बीजेपी के एजेंडे की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा,
एपीजे अब्दुल कलाम, प्रणब मुखर्जी और दूसरे कानूनी जानकारों ने इसका समर्थन किया है।
मोदी मिशन वन नेशन-वन इलेक्शन ! आचार संहिता के कारण विकास कार्य रुक जाते हैं!
आचार संहिता के कारण विकास कार्य रुक जाते हैं, हमारी जैसी छोटी पार्टियां
तीन महीने तक चुनाव प्रचार नहीं कर सकती है और धन का दुरुपयोग देखने को मिलता है।
इसे रोकने के लिए आम राय बनाकर संविधान में संशोधन करना चाहिए। त्यागी ने
इस बात से इंकार किया कि जेडीयू लोकसभा चुनावों के साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव
कराना चाहती है।
आपको बता दें कि आम चुनाव 2019 में हैं और बिहार विधानसभा के चुनाव 2020 में होंगे।
उन्होंने कहा कि मोदी लहर के साथ ही नीतीश लहर भी है। उन्होंने कहा कि जेडीयू के
साथ मिलकर बीजेपी और आरजेडी को भी फायदा हुआ है। त्यागी ने दावा किया कि
अगर लोक सभा और विधानसभा चुनाव साथ हुए और जेडीयू और एनडीए साथ मिलकर
लड़ें तो 40 में से 38 लोक सभा सीट और 280 में से 242 विधान सभा सीट जीतेंगे।
उन्होंने कहा कि बिहार के मौजूदा हालात के लिए कांग्रेस दोषी है, क्योंकि बिहार में 7 बार
राष्ट्रपति शासन लगाया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में 1952, 1957,
1962 और 1966 में लोक सभा, विधान सभा चुनाव साथ लड़े गए, इसलिए यह किसी एक
पार्टी का एजेंडा नहीं हो सकता।
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