भारत भर के किशानो को मिलेगा लाभ! 177 नए कृषि मंडी को जोड़ा गया ई-एनएएम (E-NAM) प्लेटफॉर्म से!

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भारत भर के किशानो को मिलेगा लाभ! 177 नए कृषि मंडी को जोड़ा गया ई-एनएएम (E-NAM) प्लेटफॉर्म से!

Farmers across India will get benefits! 177 new agricultural markets are added to the E-NAM platform!

किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए ई एन ए एम को और मजबूत बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए – श्री नरेंद्र सिंह तोमर

समाज विकास संवाद!
न्यू दिल्ली ,

भारत भर के किशानो को मिलेगा लाभ! 177 नए कृषि मंडी को जोड़ा गया ई-एनएएम (E-NAM) प्लेटफॉर्म से, राष्ट्रीय कृषि बाजार (E-NAM) भारत सरकार की एक अत्यंत महत्वाकांक्षी और सफल योजना है, वन नेशन वन मार्केट – भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल की शुरूआत,

किशानो को प्रत्यक्ष लाभ पहुचाने व् कृषि उत्पादनों की विपणन के लिए 177 नयी कृषि मंडी को

ई-एनएएम (E-NAM) प्लेटफॉर्म से जोड़ा गया!

10 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों की 177 नई मंडियां कृषि उपज के विपणन के लिए ई-एनएएम प्लेटफॉर्म से जुड़ी हैं

किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए ईएनएएम को और मजबूत बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए – श्री नरेंद्र सिंह तोमर

केन्‍द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने कृषि विपणन को मजबूत करने और किसानों को

ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपनी फसल की उपज बेचने की सुविधा प्रदान करने के लिए

राष्ट्रीय कृषि बाजार (E-NAM) के साथ आज 177 नई मंडियों को जोड़ा।

 

किशानो को मिलेगा लाभ! जोड़ी गई मंडियां इस प्रकार

आज जोड़ी गई मंडियां इस प्रकार हैं: गुजरात (17), हरियाणा (26), जम्‍मू और कश्‍मीर (1),

केरल (5), महाराष्ट्र (54), ओडिशा (15), पंजाब (17), राजस्थान (25), तमिलनाडु (13) और पश्चिम बंगाल (1)।

177 अतिरिक्त मंडियों के शुभारंभ के साथ, देश भर में ईएनएएम मंडियों की कुल संख्या 962 हो गई है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये नई मंडियों का शुभारंभ करते हुए,

श्री तोमर ने कहा कि किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए ईएनएएम को

और मजबूत करने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों के लाभ के लिए

प्रौद्योगिकी के महत्वाकांक्षी उपयोग के रूप में ईएनएएम पोर्टल की परिकल्पना की गई है।

 

 

किशानो को मिलेगा लाभ! ई-एन ए एम (E-NAM) प्लेटफॉर्म पर 1,005 से अधिक एफ पी ओ पंजीकृत हैं!

इससे पहले, 785 मंडियों को 17 राज्यों और 2संघ शासित प्रदेशों में ईएनएएम के साथ जोड़ा गया था,

जिसका उपयोग करने वाले 1.66 करोड़ किसान, 1.30 लाख व्यापारी और 71,911 कमीशन एजेंट थे।

ई-एनएएम प्लेटफॉर्म पर 9 मई 2020 तक, कुल 3.43 करोड़ मीट्रिक टन और

संख्‍या में 37.93 लाख (बांस और नारियल) का कारोबार किया गया जिसका सामूहिक मूल्‍य

1 लाख करोड़ रूपये से अधिक है। ईएनएएम प्‍लेटफॉर्म के रास्‍ते 708 करोड़ रुपये का डिजिटल भुगतान किया गया

जिससे 1.25 लाख से अधिक किसानों को फायदा हुआ है।

ई-एनएएम मंडी /राज्य की सीमाओं से परे व्यापार की सुविधा देता है।

12 राज्यों में अंतर-मंडी व्यापार में कुल 236 मंडियों ने भाग लिया,

जबकि 13 राज्यों /संघ शासित प्रदेशों ने अंतर-राज्य व्यापार में

हिस्‍सा लिया, जिससे किसानों को दूर के व्यापारियों के साथ सीधे बातचीत करने की अनुमति मिलती है।

वर्तमान में, खाद्यान्न, तिलहन, रेशे, सब्जियों और फलों सहित 150 वस्तुओं का व्यापार

ईएनएएमपर किया जा रहा है।

E-NAM प्लेटफॉर्म पर 1,005 से अधिक एफ पी ओ (FPO) पंजीकृत हैं और

इसने 7.92 करोड़ रुपये मूल्य की 2900 मीट्रिक टन कृषि उपज का कारोबार किया है।

 

 

किशानो को मिलेगा लाभ ! राष्ट्रीय कृषि बाजार (E-NAM) भारत सरकार की एक अत्यंत महत्वाकांक्षी और सफल योजना है

कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान मंडियों से भीड़भाड़ कम करने के लिएकृषि मंत्री ने 2 अप्रैल 2020 को

एफपीओ ट्रेड मॉड्यूल, लॉजिस्टिक्‍स मॉड्यूल और ईएनडब्ल्यूआर आधारित भंडारण मॉड्यूल की शुरूआत की थी।

तब से 15राज्यों के 82एफपीओ ने 2.22 करोड़ रूपये मूल्‍य के 12048 क्विंटल जिंसों की कुल मात्रा के साथ

E-NAM पर कारोबार किया है। नौ (9) लॉजिस्टिक्स सर्विस एग्रीगेटर्स नेईएनएएमके साथ साझेदारी की है,

जिसमें 2,31,300 ट्रांसपोर्टर्स हैं, जो ई-एनएएम साझेदारों की परिवहन सेवा जरूरतों को पूरा करने के लिए

11,37,700ट्रकों की उपलब्धता प्रदान कर रहे हैं।

राष्ट्रीय कृषि बाजार (E-NAM) भारत सरकार की एक अत्यंत महत्वाकांक्षी और सफल योजना है जो

मौजूदा एपीएमसी मंडियों का समूह बनाती है ताकि कृषि जिंसोंके लिए एकीकृत राष्‍ट्रीय बाजार बनाया जा सके।

इससे क्रेता और विक्रेता के बीच सूचना की

असमानता को समाप्‍त कर और वास्तविक मांग और आपूर्ति के आधार पर वास्‍तविक समय मूल्य खोज को बढ़ावा देकर

एकीकृत बाजार में प्रक्रियाओं को सरल बनाकर कृषि विपणन में एकरूपता को बढ़ावा दिया जा सकता है।

 

 

केन्‍द्रीय कृषि मंत्री ने कर्नाटक के आर ई एम एस (एकीकृत बाजार पोर्टल-यू एम पी) और ई-एन ए एम पोर्टल के बीच अंतर-संचालन भी शुरू किया!

1 मई 2020 को, श्री तोमर ने 7 राज्यों से 200 ई-एनएएम मंडियों को जोड़ना शुरू किया था, जिसमें भारतीय किसानों की मदद के लिए

ई-एनएएम पर कर्नाटक के 1 नए राज्य को जोड़ा गया था। इसके अलावा, केन्‍द्रीय कृषि मंत्री ने कर्नाटक के

आर ई एम एस (एकीकृत बाजार पोर्टल-यूएमपी) और ई-एनएएम पोर्टल के बीच अंतर-संचालन भी शुरू किया था।

यह इन दोनों प्लेटफार्मों के बीच अंतर-संचालन सुविधा का उपयोग करके, दोनों प्लेटफार्मों के व्यापारियों और

किसानों को व्यापार के लिए अधिक बाजारों तक पहुंचने का अवसर प्रदान करता है।

अपने पहले चरण (585 मंडियों को जोड़ने) में ई-एनएएम की उपलब्धियों को देखते हुए, यह 15 मई 2020 से पहले

415 अतिरिक्त मंडियों को जोड़ने के साथ अपने पंख फैलाकर विस्तार के मार्ग पर अग्रसर है।

प्रधानमंत्री की “वन नेशन वन मार्केट” की संकल्‍पना को पूरा करने के लिए 18 राज्यों और 3 संघ शासित प्रदेशों में

ई-एनएएम मंडियों की कुल संख्या 1,000 से अधिक हो गई है।

 

 

प्रधान मंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने “वन नेशन वन मार्केट” के उद्देश्य से एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल की शुरूआत की थी।

राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-एनएएम), भारत में कृषि जिंसों के लिए मौजूदा मंडियों को

“वन नेशन वन मार्केट” से जोड़ने के उद्देश्य से एक

अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल की14 अप्रैल 2016 को प्रधान मंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने शुरूआत की थी।

लघु किसान कृषि व्यवसाय संकाय (एसएफएसी) भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में

ई-एनएएम को लागू करने की प्रमुख एजेंसी है।

एनएएम पोर्टल एपीएमसी से संबंधित सभी सूचनाओं और सेवाओं के लिए एक एकल खिड़की सेवा प्रदान करता है

जिसमें जिंसों के आने, उनकीगुणवत्ता और मूल्य शामिल होते हैं, व्यापार प्रस्तावों और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान का

किसानों के खातों में सीधे निपटान करने का प्रावधान है और बेहतर बाजार पहुंच में उनकी मदद करता है।

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