कोरोना की खतरा से बचने के लिए Covishield की तुलना में Covaxin ज्यादा प्रभावी!
डॉ. स्वप्नील बी. मंत्री (बाल रोग तज्ञ)
समाज विकास संवाद!
मुंबई,
कोरोना की खतरा से बचने के लिए Covishield की तुलना में Covaxin ज्यादा प्रभावी!
भारत में दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है।
देश में अब तक 2 करोड़ से ज्यादा लोग वैक्सीन की कम से कम एक डोज तो लग चुकी है।
टीकाकरण अभियान सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) के जरिए चल रहा है।
दोनों वैक्सीनों को लेकर स्टडी भी जारी है।
कोवैक्सीन (Covaxin) को 81% प्रभावी पाया गया।
दरअसल कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने वैक्सीन ट्रायल के तीसरे और
अंतिम चरण के नतीजे प्रकाशित किए हैं।
इन नतीजों में कोवैक्सीन (Covaxin) को 81% प्रभावी पाया गया है।
इसका मतलब ये है कि ये वैक्सीन कोरोना का संक्रमण को रोकने में 81% तक कारगर पाई है।
यानी कोविशील्ड की तुलना में कोवैक्सीन ज्यादा कारगर पाई गई है क्योंकि कोवीशील्ड सिर्फ 62% तक प्रभावी दिखी थी।
ICMR ने भी इस तथ्य की पुष्टि की है।
नतीजों के मुताबिक पूरी तरह स्वदेशी कोवैक्सीन Covaxin, कोरोना वायरस (Coronavirus) के ब्रिटेन (UK) वाले स्ट्रेन पर भी कारगर है।
इसके अलावा, रिसर्च के दौरान ये भी पता चला है कि
कोवैक्सीन लगवाने पर शरीर में कोरोना के खिलाफ इम्युनिटी वाले सेल्स भी तैयार हो जाते हैं।
कोवैक्सीन के तीसरे ट्रायल 25 हजार 800 लोगों पर किए गए थे। भारत में 25 अलग-अलग जगह पर ट्रायल चल रहा है।
दूसरी डोज लेने के बाद ऐसे लोगों में वैक्सीन 81 प्रतिशत तक कारगर पाई गई, जिन्हें पहले कोरोना नहीं हुआ था।
Covishield की तुलना में Covaxin ज्यादा प्रभावी – Covaxin की खासियत।
Covaxin की खासियत
ये वैक्सीन 2 से 8 डिग्री सेल्सियस यानी साधारण फ्रीजर के तापमान में स्टोर की जा सकती है।
कंपनी का दावा है कि एक बार वैक्सीन का वायल खुलने के बाद उसे 28 दिन तक प्रयोग किया जा सकता है।
यानी 28 दिन तक खुला हुआ वायल भी खराब नहीं होता है।
वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना हो सकता है लेकिन संक्रमण से वैक्सीनेटिड व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं होता।
उसे गंभीर बीमारी नहीं होती और वो सुरक्षित रहता है।
इसलिए वैक्सीन की दोनों डोज जरूरी है।
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