कैसे फहराए तिरंगा? भारतीय राष्ट्रीय ध्वज संहिता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी!

Date:

Share post:

कैसे फहराए तिरंगा? भारतीय राष्ट्रीय ध्वज संहिता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी!

 

समाज विकास संवाद!
न्यू दिल्ली,

 

आजादी का अमृत महोत्सव पर कैसे फहराए तिरंगा? भारतीय राष्ट्रीय ध्वज संहिता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी!

भारत की आजादी का ७५ वर्ष बाद देश भर में व्यापक ख़ुशी का माहौल है!

भारत का ध्वज संहिता 2002 :- केंद्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्वा वाली भाजपा सरकार इस उपलक्ष को भारत की

आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाने के लिए सभी देशबासी को प्रोत्साहित कर रहे है!

इसी उपक्रम में अति महत्वपूर्ण है १३ अगस्त से १५ अगस्त के बीच देश भर में सभी घर परिवार में राष्ट्र ध्वज तिरंगे को

पूर्ण मर्यादा के साथ सन्मान पूर्वक फहराया जाना, और इसीलिए भारत भर में ब्यापक तैयारिया किया जा रहा है!

परन्तु, ज्यादातर देशवासी के मन में यह प्रश्न बार बार आ रहा है की,

आजादी का अमृत महोत्सव सुचारू रूप से पालन करने के लिए राष्ट्र ध्वज को कैसे फहराए,

क्या है राष्ट्रध्वज को फहराने का सठिक नियमावली ? कही हम से अंजाने में गलतियाँ हो ना जाये!

इसी सन्दर्भ एवं आवश्यकता को देखते हुए समाज विकास संवाद द्वारा सभी देशवासी को राष्ट्रध्वज तिरंगा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने का यह एक प्रयास है!

 

 

राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग, प्रदर्शन और फहराना ‘भारत का ध्वज संहिता 2002’ द्वारा निर्देशित!

 

प्रश्न 1. क्या राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग, प्रदर्शन और फहराना किसी व्यापक कानूनी निर्देश द्वारा निर्देशित है?

उत्तर 1. – हाँ – राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग, प्रदर्शन और फहराना ‘भारत का ध्वज संहिता 2002‘ द्वारा निर्देशित है

 

अमृत महोत्सव पर कैसे फहराए तिरंगा

प्रश्न 2. भारत का राष्ट्रीय ध्वज संहिता क्या है?

उत्तर 2. – भारतीय राष्ट्रीय ध्वज संहिता राष्ट्रीय ध्वज की सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए सभी कानूनों, परंपराओं,

प्रथाओं और निर्देशों को एक साथ लाती है।

यह भारतीय ध्वज संहिता सभी निजी, सार्वजनिक और सरकारी संस्थानों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन को

नियंत्रित करता है, यह भारत का ध्वज संहिता 2002 26 जनवरी 2002 से प्रभावी रूप से भारत भर में लागू हुआ।

 

 

राष्ट्रीय ध्वज बनाने के लिए किस तरह की सामग्री का उपयोग किया जा सकता है?

 

प्रश्न 3. – राष्ट्रीय ध्वज को बनाने के लिए किस तरह की सामग्री का उपयोग किया जा सकता है?

उत्तर 3. – भारतीय ध्वज संहिता, 2002 को 30 दिसंबर, 2021 के आदेश द्वारा संशोधित किया गया है,

एवं इस संशोधित आदेश द्वारा पॉलिएस्टर या मशीन से बने ध्वज से बने राष्ट्रीय ध्वज को भी अनुमति दी गई है।

अब, इस नए संसोधन के बाद राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा हाथ से बुने हुए हो सकते है अथवा या मशीन से बने हो सकते है!

नए संसोधित राष्ट्रीय ध्वज संहिता लागू होने के बाद अब राष्ट्र ध्वज तिरंगा कपास, पॉलिएस्टर, ऊन,

रेशम अथवा खादी की बनी कपरों से बनाया जा सकता है।

 

अमृत महोत्सव पर कैसे फहराए तिरंगा ?

प्रश्न 4.राष्ट्रीय ध्वज का उपयुक्त आकार और सठिक अनुपात क्या है?

उत्तर 4. – भारत के ध्वज संहिता के खंड 1.3 और 1.4 के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज आकार में आयताकार होगा।

झंडा किसी भी आकार का हो सकता है परन्तु राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई और ऊंचाई (चौड़ाई) का अनुपात 3:2 ही होना चाहिए।

 

प्रश्न 5.क्या हम अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर सकता है ?

उत्तर 5. – भारतीय ध्वज संहिता के खंड 2.1 के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और सम्मान के अनुरूप आम जनता,

निजी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों आदि के सदस्यों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।

 

 

घर में राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

 

प्रश्न 6.हमे अपने घर में राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

उत्तर 6. – भारतीय ध्वज संहिता के खंड 2.2 के अनुसार, सार्वजनिक, निजी संगठन या शैक्षणिक संस्थान का

कोई भी सदस्य राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और सम्मान के अनुसार सभी दिनों या अवसरों पर

राष्ट्रीय ध्वज को फहरा या प्रदर्शित कर सकता है।

जब भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शन पर होता है, उसे सम्मान की स्थिति में होना चाहिए और

स्पष्ट रूप से दृश्यमान रखा जाना चाहिए।

क्षतिग्रस्त, अस्त-व्यस्त अथवा तोडा-मोड़ा राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए।

 

 

कैसे फहराए तिरंगा? राष्ट्रीय ध्वज के गलत प्रदर्शन से बचने के लिए हमे क्या ध्यान रखना चाहिए?

 

प्रश्न 7. – राष्ट्रीय ध्वज के गलत प्रदर्शन से बचने के लिए हमे क्या ध्यान रखना चाहिए?

उत्तर 7. – राष्ट्रीय ध्वज को किसी भी परिस्थिति में उल्टे तरीके से प्रदर्शित नहीं किया जा सकता है, अर्थात;

राष्ट्र ध्वज तिरंगा में भगवा पट्टी हमेशा ऊपर ही रहेगा एवं हरा पट्टी सदैव निचे ही होना चाहिए,

किसी भी हाल में भगवा पट्टी नीचे नहीं होनी चाहिए।

 

  • राष्ट्रीय ध्वज किसी भी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देने के अवस्था में नहीं होना चाहिए,

अर्थात तिरंगा हमेशा किसी भी व्यक्ति व् वस्तु से ऊपर ही होना चाहिए!

 

  • राष्ट्रीय ध्वज के साथ कोई अन्य ध्वज या ध्वज पट नहीं होना चाहिए!

कोई अन्य ध्वज या ध्वज पट भारतीय राष्ट्र ध्वज तिरंगा के ऊपर या साटें हुए अथवा लगे हुए नहीं होना चाहिए, और

न ही कोई भी फूल या माला, किसी भी प्रकार की प्रतीक सहित कोई भी वस्तु तिरंगा ध्वज फहराने वाली मस्तूल पर

या उसके ऊपर रखी जा सकती है जिस से राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।

 

  • राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी सजावट के लिए, जैसे कोई भी ध्वज पट, बनावट अथवा बैनर, फेस्तुन में नहीं की जा सकती है!

 

अमृत महोत्सव पर कैसे फहराए तिरंगा ?

राष्ट्रीय ध्वज को पानी में जमीन या फर्श या पगडंडी को छूने की अनुमति नहीं है!

 

  • राष्ट्रीय ध्वज को पानी में जमीन या फर्श या पगडंडी को छूने की अनुमति नहीं है!

 

  • राष्ट्रीय ध्वज को किसी भी तरीके से प्रदर्शित या बन्धन नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे उसे नुकसान हो सकता है

 

  • राष्ट्रीय ध्वज को किसी अन्य ध्वज या झंडे के साथ एक ही मास्टहेड (झंडे के शीर्ष भाग) से एक साथ नहीं फहराया जाना चाहिए

 

  • राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग वक्ता की मेज को ढकने के लिए नहीं किया जाएगा, और न ही इसे वक्ता के मंच पर लपेटा जाएगा

 

 

क्या राष्ट्रीय ध्वज के अपमान की रोकथाम के लिए कोई नियम हैं?

 

प्रश्न 8. – क्या राष्ट्रीय ध्वज के अपमान की रोकथाम के लिए कोई नियम हैं?

उत्तर 8. – हाँ। “राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971” के अनुसार, निम्नलिखित नियमो का पालन किया जाना चाहिए:

 

  • राष्ट्रीय ध्वज को किसिस भी साधारण व्यक्ति की निजी अंत्येष्टि क्रिया सहित किसी भी रूप में; जैसे की,

घर में इस्तेमाल होने बाले पर्दा, अथवा सजावट के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है!

 

  • राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी प्रकार की पोशाक या वर्दी के हिस्से के रूप में नहीं किया जा सकता है,

और न ही इसे किसी कुशन, रूमाल, नैपकिन या किसी भी प्रकार की ड्रेस सामग्री पर मुद्रित किया जा सकता है।

 

 

राष्ट्रीय ध्वज पर कोई अक्षर नहीं लिखा जा सकता है।

 

  • राष्ट्रीय ध्वज पर कोई अक्षर नहीं लिखा जा सकता है।

 

  • राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी प्रकार की वस्तुओं को लपेटने, प्राप्त करने या वितरित करने के लिए नहीं किया जा सकता है।

 

  • राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी वाहन के किनारे, पीछे और ऊपर को ढकने के लिए नहीं किया जा सकता है।

 

 

कैसे फहराए तिरंगा? राष्ट्रीय ध्वज को खुले में प्रदर्शित करने का सही तरीका क्या है?

 

प्रश्न 9. – किसी भी निजी व् सार्वजनिक भवनों में राष्ट्रीय ध्वज को खुले में प्रदर्शित करने का सही तरीका क्या है?

उत्तर 9. – भारतीय ध्वज संहिता के भाग III की धारा III के अनुसार,

यदि राष्ट्रीय ध्वज सार्वजनिक भवनों पर फहराया जाता है, तो इसे केवल मात्र सूर्योदय से सूर्यास्त तक,

मौसम की परवाह किए बिना सभी दिनों में फहराया जाना चाहिए।

इसे तेजी से फहराया जाना चाहिए और धीरे-धीरे नीचे उतारा जाना चाहिए।

 

  • जब राष्ट्रीय ध्वज को किसी दीवार पर सपाट और क्षैतिज रूप से प्रदर्शित किया जाता है, तो केसरिया बैंड सबसे ऊपर होना चाहिए,

और जब राष्ट्रीय ध्वज को किसी दीवार पर खड़ी अर्थात, लंबवत प्रदर्शित किया जाना होता है,

तब केसरिया बैंड को राष्ट्रीय ध्वज के संदर्भ में से दाईं ओर रखना आवश्यक है,

अर्थात यह राष्ट्रीय ध्वज के सामना करने वाला व्यक्ति के बाईं ओर होना चाहिए।

 

  • जब सठिक स्थान के अभाव में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को किसी भवन की बालकनी, या भवन के सामने

किसी कोण पर क्षैतिज रूप से या कोण पर प्रदर्शित करना मज़बूरी हो जाता है,

तब राष्ट्रीय ध्वज का भगवा बैंड उस जगह पर दंडायमान व्यक्ति अथवा समूह से सबसे दूर के छोर पर होना आवश्यक है ।

 

 

राष्ट्रीय ध्वज को खुले में फहराने का सही समय क्या है?

 

प्रश्न10. – राष्ट्रीय ध्वज को खुले में फहराने का सही समय क्या है?

उत्तर 10. – भारतीय राष्ट्रीय ध्वज संहिता के खंड 2.2 (xi) के अनुसार, जहां झंडा खुले में प्रदर्शित किया जाता है,

जहां तक ​​संभव हो, इसे सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाना चाहिए, चाहे मौसम की स्थिति कुछ भी हो।

 

 

प्रश्न11. – क्या राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाना चाहिए?

उत्तर 11. – भारत सरकार द्वारा निर्देशित अवसरों को छोड़कर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका हुआ तरीके से नहीं फहराया जा सकता है।

जब कभी भारत सरकार द्वारा निर्देशित अवसरों राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाना हो अथवा,

आधा झुका हुआ तरीके से फहराना हो तब, पहले राष्ट्रीय ध्वज को पूर्ण मर्यादा के साथ

राष्ट्र ध्वज फहराने वाले दंड के शिखर / शीर्ष पर फहराना होगा,

फिर इस ध्वज को सरकारी आदेश के पालन करते हुए आधा झुकाना होगा!

फिर दिन के अंत में जब राष्ट्र ध्वज को उतारे जाना है तब; फिर से पूर्ण मर्यादा के साथ

आधा झुका हुआ ध्वज को राष्ट्र ध्वज फहराने वाले दंड के शिखर / शीर्ष पर फहराने के बाद ही उतरा जा सकता है!

 

 

क्या कोई भी अपनी निजी वाहन पर राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर सकते है?

 

प्रश्न12. – क्या कोई भी आम जनता अपनी निजी वाहन अथवा मोटर कारों पर राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर सकते है?

उत्तर 12. – भारत के ध्वज संहिता के खंड 3.44 के अनुसार किसी भी प्रकार की निजी वाहन अथवा मोटर कारों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का विशेषाधिकार केवल निम्नलिखित व्यक्तियों तक ही सीमित है।

 

  • राष्ट्रपति
  • उपाध्यक्ष
  • राज्यपाल और उपराज्यपाल
  • भारतीय सरकारी मिशनों / सरकारी पोस्टों के प्रमुख
  • प्रधान मंत्री
  • कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और संघ के उप मंत्री
  • किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री
  • लोकसभा के अध्यक्ष
  • राज्य सभा के उपाध्यक्ष
  • लोकसभा के उपाध्यक्ष,
  • राज्यों में विधान परिषदों के अध्यक्ष
  • राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभाओं के अध्यक्ष
  • राज्यों में विधान परिषद के उपाध्यक्ष
  • राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विधान सभाओं के उपाध्यक्ष
  • भारत के मुख्य न्यायाधीश
  • सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश
  • उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश
  • उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश

 

भारत का ध्वज संहिता 2002

अन्य राष्ट्रों के झंडों के साथ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को कैसे प्रदर्शित कर सकते हैं?

 

प्रश्न13. – हम अन्य राष्ट्रों के झंडों के साथ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को कैसे प्रदर्शित कर सकते हैं?

उत्तर 13. – भारत के ध्वज संहिता के खंड 3.32 के अनुसार, जब राष्ट्रीय ध्वज को अन्य देशों के झंडों के साथ

एक सीधी रेखा में प्रदर्शित किया जाता है, तब भारत की राष्ट्रीय ध्वज सबसे दाईं ओर होना चाहिए।

अन्य राष्ट्रों के झंडे राष्ट्रों के नामों के अंग्रेजी संस्करणों के अनुसार वर्णानुक्रम में इसके बाद प्रदर्शित होंगे।

 

  • यदि झंडों को एक बंद घेरे में फहराया जाना है, तब पहले भारत की राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को पहले फहराया जाना है और उसके बाद दूसरे राष्ट्र के झंडे दक्षिणावर्त तरीके से फहराए जाना चाहिए।

 

  • जब तिरंगे को किसी दुसरे देश के झंडे के साथ कोणीय तरीके से फहराया जाना है तब,

भारत की राष्ट्र ध्वज को पहले फहराना चाहिए, तिरंगा हमेशा दाएँ और हो होना चाहिए एवं

तिरंगे फहराने वाले दंड दुसरे किसी भी देश के झंडे के सामने ही प्रदर्शित होना चाहिए! अर्थात,

दुसरे देश के झंडे की दंड तिरंगा फहराने वाले दंड के पीछे की दिशा में ही रहना चाहिए ।

 

  • जब अन्य राष्ट्रों के झंडों के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, तब ध्वज को फहराने वाले दंड समान आकार के ही होना आवश्यक है।

 

भारत का ध्वज संहिता 2002

क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय ध्वज का निपटान कैसे किया जाना चाहिए?

 

प्रश्न14. – क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय ध्वज का निपटान कैसे किया जाना चाहिए?

उत्तर 14. – भारत के ध्वज संहिता के खंड 2.2 के अनुसार, यदि राष्ट्रीय ध्वज क्षतिग्रस्त हो जाता है,

तो इसे पूरी तरह से निजी व् गोपनीय तरीके से लोक जन समक्ष से दूर पूर्ण मर्यादा के साथ अग्निदाह के माध्यम से विनष्ट

करना होता है, अथवा; राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा को ध्यान में रखते हुए किसी अन्य तरीके भी अपनाया जा सकता है।

 

  • जब कभी राष्ट्रीय ध्वज यदि कागज का बना हो, तो आम जनता द्वारा इसे लहराया जाता है,

इन कागज़ के बने झंडों को जमीन पर नहीं फेंकना चाहिए।

राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा को ध्यान में रखते हुए इन्हें व्यक्तिगत व् गोपनीय तरीके से विनस्ट करना चाहिए।

समाज, समाज विकास, समाज संवाद, विकास, विकास संवाद, संवाद, समाज विकास संवाद

samaj, samaj vikas, samaj samvad, vikas samvad, samvad, Samaj vikas samvad

সমাজ, সমাজ বিকাস , সমাজ সংবাদ, বিকাস, বিকাস সংবাদ, সংবাদ, সমাজ বিকাস সংবাদ

Leave a Reply

Related articles

पीएम मोदी ने लॉन्च की अमृत भारत स्टेशन योजना।

पीएम मोदी ने लॉन्च की अमृत भारत स्टेशन योजना

क्या सच में बीयर नॉनवेज होती है? क्या आपके ड्रिंक में शामिल होती है मछली

क्या सच में बीयर नॉनवेज होती है? क्या आपके ड्रिंक में शामिल होती है मछली?

Link Your PAN & AADHAAR card Before 31st March Deadline Set By IT Dept.

Link Your PAN & AADHAAR card Before 31st March Deadline Set By IT Dept.Yes, Its Very Urgent & Important, If you do not link your PAN ( Permanent Account No) with your AADHAAR card before 31st march 2023 deadline set by the Income Tax department of India,Than the respective PAN would be rendered as inactive or inoperative.pan card and Aadhaar linking...

Hindenburg Report May Discipline Adani Group & Prosper It Further.

Hindenburg report may discipline Adani Group and prosper It further.In 2006, A renowned economic affairs expert and a very potent journalist Mr. Swaminathan S. A. Ayer researched and wrote a paper for the Cato Institute on Gujarat's new strategy of port-based development .This strategy was launched by Congress chief minister Chimanbhai Patel in the early 1990s and expanded by BJP's successors.