क्या सच में बीयर नॉनवेज होती है?
क्या आपके ड्रिंक में शामिल होती है मछली?
अरविंद यादव,
समाज विकास संवाद
नई दिल्ली।
खाने के विभिन्न पदार्थों के साथ-साथ, पेय पदार्थ भी हमारे आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं।
कुछ पेय तो हमें आवश्यक तौर पर चाहिए होते हैं,
वहीं कुछ पेय कभी-कभी लिए जाते हैं,जैसे बीयर या शराब आदि।
बीयर के शौकीन लोग इतने दीवाने होते हैं कि शराब को हाथ तक नहीं लगाते,
अगर वो महफिल में बैठे हैं, तो उन्हें बीयर ही चाहिए होती है।
एल्कोहलिक ड्रिंक्स के बारे में एक बात ज्यादातर लोगों को मालूम नहीं है और जिन्हे मालूम है,
उनमें अक्सर ये बहस होती रहती है कि बीयर या शराब वेज है या नॉनवेज है।
बीयर वेज है या नॉनवेज?
बीयर एक प्रकार की अल्कोहलिक ड्रिंक होती है,
जिसे लोग बड़े आनंद के साथ पीते हैं,
लेकिन यह आजकल एक सवाल बन चुका है कि क्या यह वास्तव में वेज है या नॉनवेज?
बीयर बनाने के लिए मुख्य घटक सिरका, जल, मल्टेड बार्ली और होप्स होते हैं।
मल्टेड बार्ली और होप्स पौष्टिकता से भरपूर होते हैं, लेकिन यह बताना काफी कठिन होता है कि बीयर को वेज या नॉनवेज माना जाए।
क्या वैज्ञानिक दृष्टि से मांसाहार है बीयर ?
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए, तो बीयर को नॉनवेज माना जा सकता है।
क्योंकि उसमें फिशिंग का उपयोग किया जाता है,
जिससे यह एक प्रकार का मांसपेय बन जाती है।
इसके साथ ही, बीयर में गेलेटिन भी मिल सकता है,
जो जेली के रूप में प्राप्त होता है और जिसमें मांस के स्रोत से प्राप्त होने वाले पौष्टिकता होती है।
कैसे नॉनवेज है बीयर?
हालांकि, बहुत सारे लोग बीयर को वेज मानते हैं।
क्योंकि इसके निर्माण में मुख्य रूप से बार्ली (जौं का पानी) का उपयोग होता है और उसमें जीवाणुओं का कोई प्रसंग नहीं होता है।
सार्वजनिक दृष्टिकोण से देखा जाए,
तो बीयर को बहुत सारे लोग वेज मानते हैं और उसे वेज पैकेजिंग में बेचा जाता है,
लेकिन ज्यादातर बीयर उत्पादक कंपनियां बीयर को साफ करने के लिए इजिनग्लास का इस्तेमाल करती हैं,
जोकि मछली के ब्लेडर से प्राप्त होता है।
इसके अलावा बीयर में जो आप झाग देखते हैं,
उसे बनाने के लिए पेप्सीन का इस्तेमाल किया जाता है।
पेप्सीन सूअर से प्राप्त होता है। इसके अलावा एल्कोहलिक ड्रिंक्स में एल्ब्यूमिन का भी इस्तेमाल किया जाता है,
जो कि अंडे के व्हाइट हिस्से से बनता है।
बीयर में मछली का है बड़ा रोल।
बीयर में मछली का स्विम ब्लैडर भी होता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस ब्लैडर से जिलेटीन नाम का अभ्रक होता है,
जिसका इस्तेमाल 19वीं सदी से होता आ रहा है।
दरअसल, इसके इस्तेमाल से बीयर साफ और चमकीली हो जाती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बीयर पर जानकारी रखने वाले पत्रकार और लेखक कहते हैं कि;
मांग को देखते हुए बीयर को कम से कम समय में तैयार करने का एक दबाव रहता है।
खासकर पब्स के इस दौर में लोगों को जल्द से जल्द बियर चाहिए,
ऐसे में यह अभ्रक बहुत मददगार होता है।
क्या सभी ड्रिंक इसी प्रक्रिया से बनती हैं?
ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी एल्कोहलिक पेय इसी प्रक्रिया से तैयार किए जाते हैं या सभी बीयर इसी प्रक्रिया से बनती हैं।
कुछ कंपनियां इस प्रक्रिया का अनुसरण नहीं करती हैं।
ऐसे में उन ब्रांड्स की बीयर को शाकाहार माना जा सकता है।
इसके अलावा, रम, व्हिस्की, वोदका और ब्रांडी जैसी शराब में भी उपरोक्त सामग्री का उपयोग नहीं होता है,
क्योंकि इन्हें डिस्टिल किया जाता है।
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