गोरक्षा पर प्रधानमंत्री मोदी का सख्त संदेश

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गोरक्षा पर प्रधानमंत्री मोदी का सख्त संदेश

Prime Minister Modi’s strong message on cow protection

समाज विकास संवाद

नई दिल्ली।

गोरक्षा पर प्रधानमंत्री मोदी का सख्त संदेश! संसद का मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने रविवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई।

इस बैठक में लोकसभा स्पीकर ने आगामी मानसून सत्र

में सभी राजनीतिक दलों से लोकसभा के कामकाज को सुचारू रूप से चलने में

सहयोग देने का आग्रह किया।

इस बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि गोरक्षा के नाम पर हिंसा करना ठीक नहीं है और

कानून अपने हाथ में लेने का किसी को कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि गोरक्षा के नाम

पर हो रही हिंसा और राजनीति ठीक नहीं है, गौरक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों के

खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।  इस बैठक में प्रधानमंत्री ने जीएसटी के बार में भी

जानकारी दी। बैठक समाप्त होने के बाद केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने पत्रकारों से बात करते

हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी दलों से राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने की अपील की है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई शुरू की है और

उसी के लिए उन्होंने सभी दलों को एक साथ आने का आव्हान भी किया है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जिस नेता पर सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार की वजह से

प्रश्न खड़ा हुआ है उसे दुरुस्त करने के लिए सभी पार्टियां एक साथ काम करें।

 

गोरक्षा पर प्रधानमंत्री मोदी का सख्त संदेश!

कश्मीर पर सदन में चर्चा के दौरान पाकिस्तान के साथ चीन का भी जिक्र!

इस बैठक में वित्तमंत्री अरुण जेटली, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार, मुख्तार अब्बास नकवी,

एसएस अहलूवालिया, अपना दल अनुप्रिया पटेल, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद,

ज्योतिरादित्य सिंधिया, अकाली दल के गुजराल, बीजेडी से भृतहरि महताब,

सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, लोजपा नेता चिराग पासवान, एनसीपी नेता शरद पवार,

सपा नेता मुलायम सिंह, नरेश अग्रवाल, सीपीआई के डी राजा शामिल हुए।

आरजेडी से जेपी यादव, आरपीआई रामदास अठावले, उपेंद्र कुशवाहा,

एनसी से फारूख अब्दुल्ला, जेडीएस से देवेगौड़ा के अलावा अन्य दलों के नेता शामिल हुए।

बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नवी आजाद ने कहा कि ऑल पार्टी मीटिंग सरकार द्वारा

बुलाई गई। ऑल पार्टी मीटिंग में हमने कुछ मांग की है। कश्मीर पर सदन में चर्चा के दौरान

पाकिस्तान के साथ चीन का भी जिक्र और चर्चा होना चाहिए।

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