महाराष्ट्र
देश का पहला पुस्तक गांव बना महाराष्ट्र के भिलार, शिक्षा मंत्री विनोद तावदे का ऐलान!
महाराष्ट्र के टूरिस्ट स्पॉट महाबलेश्वर के नजदीक अपनी स्ट्राबेरी के लिए मशहूर गांव भिलारअब पुस्तक गांव के रूप में भी जाना जाएगा। देश के इस पहले पुस्तक गांव का उद्घाटनसूबे के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस आगामी चार मई को करेंगे। यह योजना राज्य के स्कूली शिक्षा,मराठी भाषा और सांस्कृतिक कार्यमंत्री विनोद तावड़े के दिमाग की उपज है।
जीत से अहंकार में न आएं, जनता की सेवा करें – नितिन गडकरी !
पुणे से सटे पिंपरी-चिंचवड में महाराष्ट्र भाजपा कार्यकारिणी की बैठक का शुभारंभकरते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ; कार्यकर्ताओं को नसीहत दी कि वे सत्ता मेंघमंड में चूर न हो, बल्कि जनता की सेवा का संकल्प लें।
नीति आयोग में महाराष्ट्र को मिली सराहना !
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग कार्यकारी परिषदकी बैठक में महाराष्ट्र सरकार के शाश्वत कृषि और सिंचाई विकास के लिए किए गएप्रयासों की सराहना की गई।मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस ने बैठक के दौरान किसान आत्महत्याग्रस्त विदर्भ औरमराठवाडा की अधूरी पड़ी सिंचाई परियोजना को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार सेमदद की गुहार लगाई।
आम लोगों के मन में वन विभाग के प्रति प्रेम, आकर्षण का निर्माण होना अत्यंत आवश्यक-मुनगंटीवार
राज्य के वन और वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि आम लोगों के मन मेंवन विभाग के प्रति प्रेम, आकर्षण का निर्माण होना अत्यंत आवश्यक है। वे भायंदर के रामभाऊ म्हालगी प्रबोधनी की तरफ से आयोजित वरिष्ठ वन अधिकारियोंकी कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे।
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बदल जाएगी मुंबई की बीडीडी चाल की सूरत !
मिल मजदूरों सहित मजदूरों की कर्मभूमि माने जाने वाली 95 साल पुरानी ब्रिटिशकालीनबीडीडी चाल अब इतिहास के पन्नों में कैद हो जाएगी। मुंबई की डिलाइल रोड, वर्ली,नायगांव और शिवडी में बनी 207 बीडीडी चालों में अभी डिलाइल रोड, वर्ली और नायगांव मेंस्थित 194 चालों का पुनर्विकास परियोजना का भूमिपूजन 22 अप्रैल को
रेल पटरियों के नजदीक रहने वालों के दिन पलटेंगे – केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभू का मुहीम !
मुंबई महानगर में यदि आप लोकल ट्रेन से सफर करेंगे तो आप पाएंगे कि रेलवे ट्रैक सेझोपड़े इतने नजदीक हैं कि उन्हें चलती ट्रेन से हाथ बढ़ाकर छुआ भी जा सकता है।मध्य और पश्चिम रेलवे की सीमा में आने वाली 80 हजार हेक्टेयर पर करीब 12 लाखझोपड़ाधारक रहते हैं। चूंकि ये रेलवे की जमीन पर रहते हैं, ऐसे में इनके पुनर्वास की कोई भीयोजना नहीं थी, लेकिन अब सरकार ने इन झोपड़ावासियों की सुध ली है।