उत्तराखंड को मिली कृषि निर्यात मे बड़ी सफलता- नए कृषि कानून के आधार पर!
कृषि उद्योग निर्यात क्षेत्र मे उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रोत्साहित हरिद्वार के कृषि उत्पादों को दुबई मे फल, सब्जी का प्रत्यक्ष निर्यात!
2020-21 मे रेकॉर्ड 11019 कारोर रुपये की भारतीय फल व सब्जी की निर्यात!
समाज विकास संवाद!
न्यू दिल्ली,
उत्तराखंड को मिली कृषि निर्यात मे बड़ी सफलता- नए कृषि कानून के आधार पर!
नए कृषि कानून के आधार पर उत्तराखंड को मिली बड़ी सफलता, कृषि उद्योग निर्यात क्षेत्र मे
उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रोत्साहित हरिद्वार के कृषि उत्पादों को दुबई मे फल, सब्जी का प्रत्यक्ष निर्यात।
भारत की कृषि क्षेत्र मे पहली बार किसी राज्य को फल सब्जी उत्पादन समूह को प्रत्यक्ष निर्यात (Export) मे मिली बड़ी सफलता।
उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रोत्साहित हरिद्वार के कृषक एवं कृषि उत्पन्न समिति ने स्थानिक किसान द्वारा उगाये गए
भिंडी, करेला, करी पत्ता, नाशपाती सहित अन्य फल व सब्जी की पहली खेप दुबई अर्थात,
संयुक्त अरब अमीरेत मे निर्यात करने मे सफल रहे है।
मोदी सरकार द्वारा नए कृषि कानून लाने के बाद पहली बार भारत की किसी अंग राज्य द्वारा इतनी बड़ी सफलता विशेष महत्वपूर्ण है।
एक तरफ लगातार नए कृषि कानून के विरोध मे जुटे हुए कुछ आंदोलन जीवी इसे काला कानून का दर्जा देकर इस कानून को रद्द करने का मांग कर रहे है,
तो दूसरी तरफ इसी कानून द्वारा दिखाये मार्ग पर चलकर बिभिन्न उद्यमी किसान एवं
कृषि समितिया लाभान्वित हो रहे है एवं कृषि समाज की विकास कर रहे है।
इस सब्जी व फलों की दुबई मे निर्यात से पहले इसी वर्ष मई के महीने मे
उत्तराखंड के किसानो द्वारा उगाये गए बाजरा की प्रत्यक्ष निर्यात डेनमार्क मे भी हो चुका है।
उत्तराखंड को मिली कृषि निर्यात मे बड़ी सफलता – जैविक खेती को उत्तरखंड सरकार भारी प्रोत्साहन देती है।
हमेशा से जैविक खेती को उत्तरखंड सरकार भारी प्रोत्साहन देती है।
उत्तराखंड सरकार द्वारा संचालित कृषि उत्पाद विपणन बोर्ड (यू के ए पी एम बी) तथा स्थानिक एक्स्पोर्टर जस्ट ऑर्गेनिक,
के सहयोग से ए पी डा (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) संस्था ने प्रत्यक्ष निर्यात के लिए;
उत्तराखंड के स्थानिक किसानों से रागी, और झिंगोरा जैसे उत्पादन को एकत्रित कर इसे
यूरोप की जैविक मापदंड के आधार पर प्रोसैस व पकेजिंग भी किया।
इस प्रोसैस द्वारा सफलता पूर्वक फल व सब्जी निर्यात के बाद यूरोपीय देशो मे भविष्य की निर्यात के लिए
भारतीय किसान समुदाय के पास एक नया दरवाजा भी खुल गया।
जैविक खेती को उत्तरखंड सरकार भरी प्रोत्साहन देती रही है।
इसी प्रोत्साहन के प्रयोग के आधार पर उत्तराखंड के हजारों किसान को यू के ए पी एम बी संस्था
जैविक प्रमाणन के आधार पर शाश्वत खेती करने का प्रशिक्षण भी देती है।
ऐसे प्रशिक्षित किसान प्रत्यक्ष रूप से झिंगोरा, रागी, चौलाई आदि जैसे मोटे अनाजों का उत्पादन करते हैं,
जिसकी निर्यात बाजार मे प्रचंड चाहिदा रेहता है।
उत्तराखंड मे अत्याधुनिक पकेजिंग चैन शृंखला बनाने के लिए बित्तिय सहायता देने का योजना!
इस राज्य सरकारी उद्योग मोदी सरकार द्वारा लाये गए नए कृषि कानून के आधार पर तैयार किया जा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड मे अत्याधुनिक पकेजिंग चैन के लिए बित्तिय सहायता योजना तैयार किया गया है!
उत्तराखंड को भारत के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात क्षेत्र पर प्रमुख राज्य के रूप मे स्थापित करने के लिए
राज्य के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (ए पी डा) निरंतर प्रयत्नशील है।
इस संस्था उत्तराखंड मे एक अत्याधुनिक पकेजिंग चैन शृंखला बनाने के लिए बित्तिय सहायता देने का योजना भी बना रहा है।
इस अत्याधुनिक पकेजिंग चैन शृंखला के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उत्तराखंड मे उत्पादित ताजे फल और
सब्जियों के निर्यात के लिए अनिवार्य व आवश्यक बुनियादी ढांचे तैयार होंगे।
इस सारी राज्य सरकारी उद्योग केंद्र मे मोदी सरकार द्वारा लाये गए नए कृषि कानून के आधार पर ही तैयार किया जा रहा है।
ए पी डा संस्था कृषि उपज की पूरी आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ करने के जरिये ग्रहकों को किसानों से जोड़ने का क्षमता निर्माण,
उत्पादनों की गुणवत्ता उन्नयन और बुनियादी उत्पादन व संरक्षण ढांचे के विकास सहित उत्तराखंड के
सामूहिक कृषि विकास पर ध्यान हमेशा केंद्रित रखेगा।
ए पी डा संस्था भारत की खाद्य उत्पादों के निर्यात के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाजार मे चलने वाली गतिविधियां एवं
संवन्धित सुचारु निर्णय लेने के लिए सर्वदा कार्यरत है।
इस संस्था अपनी मार्केट इंटेलिजेंस, निजी अंतर्राष्ट्रीय अनुभव, उच्चतम कौशल विकास,
आधुनिक क्षमता निर्माण और उच्च गुणवत्ता वाली पैकेजिंग का महत्वपूर्ण कार्य पर व्यस्त है।
भारतीय कृषि के लिए ये संवाद एक आशा की किरण है।
इस वर्ष अर्थात सन 2020-21 मे भारतीय फलों एवं सब्जियों का निर्यात 11019 कारोर रुपये की अंकरा को पार कर चुका है ,
जो पिछले वर्ष 2019-20 मे निर्यात किए गए 10114 कररोर रुपये से करीब 900 कड़ोर रुपये अर्थात 9 प्रतिशत से ज्यादा है।
इस तुलना मे ये भी ध्यान रखना अवयशक है की
भारत सहित सम्पूर्ण विश्व बाज़ार कोरोना जैसे भयंकर महामारी के चपेट मे जूझ रहा है।
भारतीय कृषि के लिए ये संवाद एक आशा की किरण की तरह है,
जिससे कोरोना महामारी जैसे संकट हटने बाद तुरंत ये किसान अपने खेती काम मे जुटकर
अच्छे उत्पादों के साथ अपनी आर्थिक व सामाजिक विकास पर ध्यान केन्द्रित करे।
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