गुजरात चुनाव 2017 में भाजपा ऐतिहासिक बहुमत की ओर , 150 से अधिक सीट जीतने की उम्मीद!

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गुजरात चुनाव 2017 में भाजपा ऐतिहासिक बहुमत की ओर, 150 से अधिक सीट जीतने की उम्मीद!

BJP inching towards historic majority in Gujarat election 2017, expected to win more than 150 seats!
सौमेन मुख़र्जी,
समाज विकास संवाद!
न्यू दिल्ली ,

गुजरात चुनाव 2017 में भाजपा ऐतिहासिक बहुमत की ओर, 150 से अधिक सीट जीतने की उम्मीद, गुजरात चुनाव – महाराष्ट्र भाजपा मीडिया संयोजक सौमेन मुखर्जी, भाजपा गुजरात संगठन मंत्री भिकू भाई.

सन 1995 में पहली बार राज्य में सत्ता हासिल करने के बाद भाजपा लगातार पिछले 22 वर्षों

से गुजरात में सत्ता पर कायम है, इसी गुजरात से शताब्दी की सबसे बड़े नेता के रूप में

आत्म प्रकाश हुआ है भारत के आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का !

यह वह नरेंद्र मोदी है जिन्होंने अपने जीवन के करीब 30 वर्षों भाजपा के वैचारिक

पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ रहे ,

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी के कार्यभार सौंपा एवं

उन्हें संगठन की जिम्मेदारी देकर गुजरात प्रांत में भेजा, इसी गुजरात में उनकी

मुख्यमंत्रित्व की ताजपोशी हुई सन 2002 में!

अटल बिहारी वाजपेई की नेतृत्व में भाजपा की तृतीय सरकार बनी थी और गुजरात में

केशु भाई पटेल के नेतृत्व में चलने वाली भाजपा में अस्थिरता पैदा हो गया था ! राज्य का

हाल बेहाल देखकर भाजपा की लौह पुरुष कहे जाने वाले लाल कृष्णा अडवाणी ने

नरेन्द्र मोदी को गुजरात बचने का कठिन जिम्मेदारी सौंपा !  अडवानी को मोदी के

राजनैतिक एवं संगठनिक दुर्द्रस्तिता पर संपूर्ण भरोषा था !

मुख्यमंत्री होने के तुरंत बाद गोधरा कांड जैसे घटना घटी एवं

राज्य संपूर्ण अस्थिर, आधुनिक इतिहास के सबसे ज्यादा  चर्चित  सांप्रदायिक दंगा भड़क उठा!

नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री पद संभालने का अवसर तक नहीं मिला था , इससे पहले ही

राज्य पूर्ण रूप से अस्थिर हो गया!

 

गुजरात_चुनाव_2017- विरोधी कांग्रेस सहित वामपंथी एवं अन्य समाजवादी पक्षों ने मिलकर हमला बोला!

स्वाभाविक रूप से विरोधी कांग्रेस सहित वामपंथी एवं अन्य समाजवादी  पक्षों ने मिलकर

हमला बोला, भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई भी इन्हें “राजधर्म”

निभाने का सलाह दे दिया, परिस्थिति अत्यंत कठिन था; साथ नहीं था किसी का भी,

मीडिया इन के विरोध में लगे हुए थे; फिर भी इन्होंने आपने धैर्यशील कार्यशैली द्वारा

सभी प्रकार के नकारात्मकता; जातिवाद  की राजनीति; राजनीति के भीतर की राजनीति;

धर्म की राजनीति से बाहर आकर; सर्वधर्म समभाव एवं पंडित दीनदयाल जी के दिखाए हुए

मार्ग अंतोदय के रास्ते पर चलकर एक नया गुजरात मॉडल; जो विकास के लिए देश में

श्रेष्ठ मॉडल बनने वाला था इसका विकास किया!

इसी बीच 2007 की चुनाव आया विरोधी पक्ष नेत्री श्रीमती सोनिया गांधी ने इन्हें मौत का सौदागर

का उपाधि भी दे दी, इनके ऊपर चारों दिशा से भयंकर राजनीतिक आक्रमण होने लगा,

यही था मोदी का अग्नि परीक्षा;  जिसे इन्होंने बखूबी पार कर लिया !

और फिर इन्होंने एक संगठन ऐसा तैयार किया जिसकी बुनियादी ढांचे पर

भारतीय राजनीति में भाजपा की भविष्य की राज महल  बनना था!

 

गुजरात_चुनाव_2017— भाजपा गुजरात के संगठन मंत्री श्रीमान भिकू भाई तलसानिया एवं आज के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह!

इसी काम में इनको संपूर्ण रूप से सहयोग दिया भाजपा गुजरात के संगठन मंत्री

श्रीमान भिकू भाई तलसानिया एवं आज के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह,

2007 के चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक वो प्रशासकीय बुलंद ढांचा तैयार किया,

इसी बीच सन 2009 में उनके नाम की चर्चा होने लगी प्रधानमंत्री पद के लिए, लेकिन

इन्होंने विनम्रता  से पार्टी कार्य कर्ता के बीच में से  उठने वाली इस दावेदारी को इन्हीं के मेंटर

यह राजनीतिक गुरु लालकृष्ण आडवाणी के लिए त्याग दिया!

2009 की केंद्रीय चुनाव भाजपा स्वाभाविक रूप से हार गया, और इसके बाद ही

आवाज उठने लगा नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित करने के लिए,

सन 2012 के चुनाव में हवा बिल्कुल इनके पक्ष में नहीं था, फिर भी इन्होंने 117 सीटें

जीतकर गुजरात में भाजपा की झंडा ऊँचा रखा एवं २०१४ के  राष्ट्रीय चुनाव के

प्रबल दावेदार के रूप में कार्यकर्ताओ के प्रथम पसंद बन गए .

2014 में केंद्रीय चुनाव में जीत  जितनि ना गुजरात मॉडल का प्रभाव के कारन  था

उससे कहीं ज्यादा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की यूपीए सरकार की

नाकामयाबी का नतीजा था!

 

गुजरात_चुनाव_2017— यूपीए-2 के प्रबल भ्रष्टाचार एवं एक नायक तंत्र के खिलाफ भारत भर में मोदी ही एक मात्र विकल्प!

यूपीए-2 के प्रबल भ्रष्टाचार एवं एक नायक तंत्र के खिलाफ भारत भर में मोदी ही

एक मात्र विकल्प दिखने लगा था ! देश आम  गरीब ने उम्मीद के साथ इनका साथ दिया,

पिछले 3 वर्षों के कार्यकाल में मोदी ने कुछ बुलंद निर्णय एवं  निर्णायक भूमिका या,

जो भारत के एक संघीय ढांचे में किसी भी नेता या प्रधानमंत्री ने इन से पहले नहीं  ले सके !

नोटबंदी एवं जीएसटी तो बहुचर्चित निर्णय है, लेकिन पड़ोसी शत्रु देश पाकिस्तान को

चेतावनी देने के पहले इनके प्रति मित्रता के हाथ बढ़ाने वाले यह एक मात्र प्रधानमंत्री बने,

भारत के कट्टर विरोधी चीन के साथ भी व्यवहार करते समय इन्होंने इंच भर जगह भी नहीं छोड़ा,

डोकलाम की परिस्थिति देश के अंदरूनी विषय में अंतर्राष्ट्रीय दखलंदाजी की तैयारी में था

फिर भी नरेंद्र मोदी ने अपने डिप्लोमेटिक कौशल के द्वारा चाइना जैसी सुपर पावर को भी

मात दे दिया!

 

गुजरात_चुनाव_2017— कश्मीर मुद्दे पर नरेंद्र मोदी का अवस्थान पॉलिटिकल साइंस के छात्रों के लिए एक खोज का विषय

कश्मीर मुद्दे पर नरेंद्र मोदी का अवस्थान पॉलिटिकल साइंस के छात्रों के लिए एक खोज का

विषय बन सकता है,

भाजपा जैसे कट्टर राष्ट्रवादी एवं जातीयता वादी पार्टी के प्रमुख होने के बावजूद, इन्होंने

मुस्लिम पंथी पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट यानी पीडीपी के साथ मिलकर सत्ता  में जाने का निर्णय लिया,

अर्थात अर्थात एक तरफ अयोध्या में राम दूसरी तरफ अमरनाथ में रहीम ऐसी कठिन

राजनीतिक निर्णय  शायद ही किसी किसी आधुनिक भारतीय राजनेता लिया होगा!

मोदी विरोधी कितना भी इन्हें किसी भी मामले पर घेर , ले फिर भी इनकी राजनीतिक दूरदर्शिता

के सामने किसी भी विरोधक की कोई भी भूमिका नहीं रह पता है !

 

गुजरात_चुनाव_2017— तांत्रिक राजनीति बौद्धिक राजनीति के ऊपर भारी होने लगा!

वैसे तो आजकल राजनीति में भी बौद्धिकता की खड़ा चल रहा है, राजनीति की परिभाषा

दिनोंदिन बदलते जा रहा है तांत्रिक राजनीति बौद्धिक राजनीति के ऊपर भारी होने लगा है,

ऐसी संकटमय परिस्थिति में नरेंद्र मोदी जैसे देशभक्त, निस्वार्थ एवं विचार के लिए मर मिटने

वाला नेतृत्व मिलना भारत एवं भारतवासी के लिए गौरवमय चिन्ह है!

ऐसी भूमिका एवं परिस्थिति में 2017 की गुजरात चुनाव मैं संपूर्ण बिखरा हुआ

कांग्रेस का विरोध इनके लिए कितना फलप्रद होगा यह तो 18 दिसंबर को ही पता चलेगा,

विशेषता गांधी परिवार के युवराज राहुल गांधी की ताजपोशी के बाद इस गुजरात चुनाव में

उनका यदि शर्मनाक हार होता है तो आने वाले समय में कांग्रेस की वर्ष की राजनीति पूर्णता

समाप्त होने की तैयारी पर होगा,

 

गुजरात_चुनाव_2017नरेंद्र मोदी को ऐतिहासिक बहुमत की ओर ले कर जा रहा है वह है राहुल गांधी की नादान राजनीति!

इसी 2017 के गुजरात चुनाव के कुछ विशेष घटनाएं जो नरेंद्र मोदी को

ऐतिहासिक बहुमत की ओर ले कर जा रहा है वह है राहुल गांधी की नादान राजनीति;

जिसमें उन्होंने कांग्रेस की पारंपरिक धर्मनिरपेक्षता से हटकर स्वयं को हिंदू के रूप में

पेश करने की भूल की, इन्ही के करीबी माने जाने वाले, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता

कपिल सिब्बल का राम मंदिर पर विरोध एवं इनके पिता के परम मित्र तथाकथित

भारतीय डिप्लोमैट मणिशंकर अय्यर का नरेंद्र मोदी के ऊपर अत्यंत निंदनीय ढंग से

आरोप लगाना कुछ ऐसी राजनैतक गलती है जिससे बहार निकलना शयेद इंदिरा गाँधी के

लिए  असंभव होता ! इसी  के साथ उच्च वर्ण , दलित एवं पाटीदार इस तीन प्रमुख गुजराती

समुदाय के बीच में ठीक से तालमेल ना बैठाना भी चुनावी नियोजन के दृष्टी से

घातक सिद्ध हो सकता है !

महाराष्ट्र भाजपा के मीडिया संयोजक सौमेन मुखर्जी के बक्तव्य के अनुसार उपरोक्त सारे

घटनाक्रम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को इतिहासिक बहुमत की ओर जो

कि 150 के अधिक होने की संभावना है दर्शाता है और राहुल गाँधी के नेतृत्व में  कांग्रेस

अब तक सबसे कम  25 सीटों के अंदर समेटने की तैयारी में दिख रहा  है!

 

चिंता का विकास- चेतना की जागृति एवं चैतन्य की उदय ” की आवश्यकता!

गुजरात 2017 की चुनाव 2019 की केंद्रीय चुनाव का भी भूमिका रचने वाला है

जो 2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताधिक वर्षा पूर्ति का बुनियाद रखने वाला होगा !

गुजरात चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी को अपने कांग्रेसी साथियों को लेकर आत्ममंथन,

आत्म चिंतन की शिविर में बैठने की आवश्यकता है एवं अभ्यास के द्वारा ” चिंता का विकास-

चेतना की जागृति एवं चैतन्य की उदय ” की आवश्यकता है !

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