महाराष्ट्र में साइनबोर्ड पर मराठी भाषा के इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी राय!

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महाराष्ट्र में साइनबोर्ड पर मराठी भाषा के इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी राय!

 

अरविन्द यादव,
समाज विकास संवाद!
न्यू दिल्ली,

महाराष्ट्र में सभी साइन बोर्ड पर मराठी भाषा का इस्तेमाल करने की राज्य सरकार का निर्देश के खिलाफ

देश के सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार और

अन्य संस्थानों से जवाब मांगा है।

महाराष्ट्र में दुकानों और प्रतिष्ठानों के नाम मराठी भाषा में प्रदर्शित करने के मामले पर

बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई।

यह याचिका फेडरेशन आफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा दायर की गई है।

इस मामले पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार और अन्य संस्थानों से जवाब मांगा है।

उच्च न्यायालय के 23 फरवरी 2022 के आदेश को चुनौती देने वाले फेडरेशन ऑफ़ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन

की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस के एम जोसेफ और हृषिकेश राय की पीठ ने

महाराष्ट्र सरकार, मुंबई नगर निगम, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और अन्य से राय मांगी है।

 

 

साइन बोर्ड पर मराठी भाषा – महाराष्ट्र राज्य सरकारी अधिसूचना राजपत्रक के लिए इस लिंक को देखे!

महाराष्ट्र में साइनबोर्ड! भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13, 19 और 21 के उल्लंघन के मामले पर दायर की गई थी याचिका!

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13, 19 और 21 के उल्लंघन के मामले पर दायर की गई यह याचिका!

इस याचिका में महाराष्ट्र की दुकान और प्रतिष्ठान (रोजगार और सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 में

संशोधन को चुनौती दी गई थी, जिसके अनुसार सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों को मराठी भाषा में

नाम के साइन बोर्ड प्रदर्शित करने होंगे और लिखे गए नाम का आकार किसी भी दूसरी भाषा के समान रहने की जरूरत होंगे।

बता दें कि फेडरेशन आफ रिटेल ट्रेडर्स ने कहा था कि यह

संविधान के अनुच्छेद 13 (मौलिक अधिकारों के साथ असंगत या कम करने वाले कानून),

अनुच्छेद 19 (भाषण की स्वतंत्रता के संबंध में कुछ अधिकारों का संरक्षण) और

अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा) का उल्लंघन है।

 

 

महाराष्ट्र में साइनबोर्ड! मराठी राज्य की आम भाषा और मातृभाषा भी है: बंबई उच्च न्यायालय के फैसले!

बंबई उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि यह नियम बड़े पैमाने पर महाराष्ट्र की जनता की सुविधा के लिए है,

जिसकी मातृ भाषा मराठी है।

बंबई उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में यह भी कहा था की-

‘महाराष्ट्र की राज्य सरकार के निर्णय के खिलाफ यहाँ आनेवाले याचिका कर्ता यह बताने में में विफल रह है कि

यह नाम को लेकर साइन बोर्ड की भाषा की निर्देश खुदरा व्यापारियों के लिए नहीं है,

बल्कि उन महाराष्ट्र मे रहने वाले श्रमिकों और जनता के लिए है जो उनसे संपर्क करते हैं।’

बंबई उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में आगे कहा, ‘मराठी राज्य सरकार की आधिकारिक भाषा हो सकती है,

एवं यह निर्विवाद रूप से राज्य की आम भाषा और मातृभाषा भी है।

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