महाराष्ट्र में अनाथ बच्चों को शिक्षा और नौकरी में मिला एक प्रतिशत आरक्षण!

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महाराष्ट्र में अनाथ बच्चों को शिक्षा और नौकरी में मिला एक प्रतिशत आरक्षण!

Orphan children’s to get one percent reservation in education and jobs in Maharashtra

समाज विकास संवाद!
मुंबई।

महाराष्ट्र में अनाथ बच्चों को शिक्षा और नौकरी में मिला एक प्रतिशत आरक्षण, अनाथ बच्चों के भविष्य!

अपने वादे को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस ने राज्य के अनाथ बच्चों को

सरकारी शिक्षा और नौकरी में एक प्रतिशत आरक्षण दिया है। पिछले बुधवार को

मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री ने इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दते हुए राज्य के

अनाथ बच्चों को न्याय दिया है।

राज्य में अनाथ बच्चों को बाल गृह व उनके देखभाल की संस्थाओं में रहने के लिए 18  वर्ष तक

की आयु सीमित  है।  इसके बाद उन्हें  शिक्षा और नौकरी के लिए अपने पैर पर

खड़े होना पड़ता है।

ऐसे में जब वे शिक्षा और नौकरी के लिए प्रयास करते है, तो   कोई विशेष जाती नहीं होने की

वजह से  उन्हें तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है।  हाल ही में मुख्यमंत्री के पास

एक छात्रा ने इस संदर्भ  में मुलाकात की थी।

छात्रा द्वारा बताया गया था कि राज्य लोकसेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद

मात्र जाती नहीं होने के कारण  नौकरी से दूर कर दिया गया था। जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने

निर्णय लिया था कि ऐसे अनाथ बच्चों के विकास के लिए वे एक प्रतिशत आरक्षण शिक्षा एवं

रोजगार के लिए सुनिश्चित करेंगे।

 

अनाथ बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने इस निर्णय पर जोर दिया!

बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इस संदर्भ  में पेश प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी गई।

अनाथ बच्चों को संस्थान  से निकलने के बाद शिक्षा  तथा सरकारी नौकरी के साथ सामाजिक

विषयों में एक प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है।

विशेष वर्ग के तहत उन्हें यह आरक्षण दिया गया है। राज्य में अनाथ बच्चों के भविष्य को

ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने इस निर्णय पर जोर दिया और इसे तुरंत मंजूर कर

लागू करने का निर्देश दे दिया है।

बता दे इस विषय में मुख्यमंत्री ने 10  जनवरी को राजभवन में हुए  महाराष्ट्र राज्य मंत्रालय

एवं विधिमंडल पत्रकार संघ द्वारा आयोजित पत्रकार पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में

अनाथ बच्चों के जाती की समस्या का जिक्र किया था। जिसमें  उन्होंने कहा था कि एक

अनाथ बच्चों को जाती नहीं होने की वजह से उन्हें नौकरी पाने में समस्या होती है।

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