प्लास्टिक बंदी शुरू – उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्रवाई– पर्यावरण मंत्रालय!
Plastic ban starts – action will be taken against violators – Environment Ministry
समाज विकास संवाद!
मुंबई।
प्लास्टिक बंदी शुरू – उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्रवाई- पर्यावरण मंत्रालय!
राज्य में प्लास्टिक थैली एवं थर्माकोल के उत्पादन करने और उपयोग में लाए जाने पर
राज्य सरकार ने पाबंदी लगा दी है। सरकार के पर्यावरण विभान ने इस संदर्भ में एक अधिसूचना जारी किया है।
अब राज्य में प्लास्टिक का उपयोग केवल दवाई के पैकिंग, वन फल उत्पाद, कृषि तथा
घनकचरा के लिए ही उपयोग में लाया जा सकेगा। वहीं दूध के लिए भी प्लास्टिक का
उपयोग किया जाएगा, लेकिन उसे उपयोग करने के बाद वापस जमा करने की जिम्मेदारी
दूध के दुकानदारों का होगा। दूध के लिए 50 मेक्रों से कम मोटी प्लास्टिक के उपयोग पर पाबंदी रहेगी।
दूध वालों को 50 पैसा प्लास्टिक कर के रूप में अदा करना पड़ेगा। सरकर ने कई
ठिकानों पर प्लास्टिक कलेक्शन पॉइंट भी बनाएगी। इस कलेक्शन वाले प्लास्टिक का
कंपनियां रिसायकल करेंगी प्लास्टिक बंदी प्रभाव में आ चुका है।
अब इसका उल्लंघन करने पर प्लास्टिक निर्माता और
इस्तेमाल करने वालों पर जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।
प्लास्टिक बंदी – पांच हजार से लेकर 25 हजार तक का जुर्माने!
इसमें पांच हजार से लेकर 25 हजार तक का जुर्माने के साथ ही साथ तीन महीने की जेल
हो सकती है। इस परिवर्तन सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट ऐक्ट-2016 एवं प्लास्टिक कैरी बैग का
निर्माण एवं उपयोग नियम 2016 में संशोधन के साथ लाया जा सकता है। इसी तरह इसे
लागू करने की जिम्मेदारी स्थानीय निकायों और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एमपीसीबी की होगी।
राज्य के पर्यावरण मंत्री ने कहा कि राज्य में 1800 टन प्लास्टिक कचरा रोजाना निर्माण हो रहा है।
रास्ते में अगल-बगल लाखों टन कचरा फेका हुआ है। हजारों वर्ष में भी प्लास्टिक कचरा
विघटित नहीं होता। इस स्थिति में मनुष्य के लिए यह बहुत घातक साबित हो सकता है।
मनुष्य के स्वास्थ्य पर इसका बूरा असर पड़ रहा है।
सांस लेने, कैंसर जैसे घातक बीमारी हो रही है। प्लास्टिक के थैलियों और थर्माकोल का
सबसे ज्यादा शादी-व्याह में उपयोग किए जाते हैं इस पर भी पाबंदी लगाई गई है। पानी के
लिए उपयोग में लाए जाने वाले प्लास्टिक के गाल्स पर भी पाबंदी लगाई गई है। बड़े प्लास्टिक
की बोतलों पर भी पाबंदी लगाने के लिए तीन महीने में निर्देश जारी किया जा सकता है।
विकल्प के रूप में महिला बचत गट के माध्यम से कपडे और कागज की थैलियों को बनाने का काम शुरू।
जिन व्यापारियों के पास ऐसे सामाग्रियों का भंडा जमा है उन्हें हटाने के लिए कुछ समय भी
दिया जा रहा है। प्लास्टिक बंदी से प्रभावित होने वाले रोजगारों के लिए भी सरकार गंभीरता
से विचार कर रही है। इस उद्योग से जुड़े लोगों के लिए अन्य उद्योग में अवसर प्रदान
किया जा सकता है।
प्लास्टिक की थैलियों के विकल्प के रूप में महिला बचत गट के माध्यम से कपडे और
कागज की थैलियों को बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। सरकार ने इसके लिए उन्हें
पां करोड़ रुपए प्रदान किया गया है। इस नई योजना के तहत प्रत्येक जिले के पालक मंत्री
को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। पर्यावरण विभाग के इस निर्णय का मुख्यमंत्री
देवेंद्र फडऩवीस, शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे, अभिनेत्री जूही चावला
आदि सामाजिक संगठनो ने स्वागत किया है।
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