राज्य जल परिषद की निर्णय-पांच नदी घाटियों के जल प्रारूप को मंजूरी-महाराष्ट्र बना पहला राज्य!
राज्य की पांच नदी घाटियों के जल प्रारूप को मंजूरी!
State Water Council’s decision – Approval of water pattern of five river basins – Maharashtra becomes first state!
समाज विकास संवाद!
मुंबई।
राज्य जल परिषद की निर्णय-पांच नदी घाटियों के जल प्रारूप को मंजूरी-महाराष्ट्र बना पहला राज्य!
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में जल परिषद की बैठक में निर्णय,
नदी घाटियों का प्रारूप तैयार करने वाला महाराष्ट्र बना पहला राज्य,
राज्य की महत्वपूर्ण कृष्णा, तापी, नर्मदा, पश्चिम वाहिनी नदियां और महानदी घाटियों के
एकात्मिक राज्य जल प्रारूप को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस की अध्यक्षता में राज्य जल परिषद
की पांचवी बैठक में मंजूरी दी गई। राज्य की सभी घाटियों का एकत्रित एकात्मिक जल प्रारूप
करने का काम 15 जुलाई तक पूर्ण करने के निर्देश मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस ने यह जानकारी दी।
सह्याद्रि अतिथि गृह में हुई परिषद में हुई इस बैठक को परिषद के उपाध्यक्ष तथा
जलसंपदा मंत्री गिरीष महाजन, उद्योग मंत्री सुभाष देसाई आदि उपस्थित थे। राज्य में गोदावरी,
कृष्णा, तापी, नर्मदा, पश्चिम वाहिनी नदियां और महानदी आदि छह घाटियों का अभ्यास कर
स्वतंत्र रूप से जल प्रारूप तैयार किए है। इसमें से गोदावरी के घाटी के जल प्रारूप को
30 नवंबर 2017 को अनुमति प्रदान की गई थी।
सभी घाटियों का एकात्मिक जल प्रारूप मंजूर!
बाकी पांच प्रारूपों का प्रस्तुतिकरण परिषद की बैठक में किया गया।
इन सभी घाटियों का एकात्मिक जल प्रारूप मंजूर होने तक सभी घाटी निहाय प्रारूप पर
अमल करने के लिए की गई इस बैठक में मंजूरी प्रदान की गई। जल प्रारूप मंजूर होने से
सिंचाई प्रकल्प पूर्ण होने के लिए मदद होगी।
राज्य जल परिषद की निर्णय-पांच नदी घाटियों के जल प्रारूप को मंजूरी-महाराष्ट्र बना पहला राज्य
फडऩवीस ने कहा कि राज्य जल परिषद और जलसंपदा विभाग ने राज्य की नदी घाटियों के
प्रारूप तैयार कर ऐतिहासिक काम किया है। नदी घाटियों का प्रारूप तैयार करने वाला
महाराष्ट्र पहला राज्य है। कृष्णा घाटी के पानी का उचित नियोजन करने और सभी शहरों को
आगामी तीन सालों में गंदे पानी का पुन:र्वापर करने की सूचना दी जाए।
कोंकण क्षेत्र में नदी घाटी के पानी का नियोजन!
कोंकण क्षेत्र में नदी घाटी के पानी का नियोजन करने के लिए भविष्य में
नवीनतापूर्ण पद्धति का उपयोग करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए।
जल संपत्ति नियामक प्राधिकरण के कुलकर्णी, जलसंपदा विभाग के प्रधान सचिव रा. वा. पानसे,
सचिव लाभक्षेत्र विकास अ. वा. सुर्वे, मेरी के महासंचालक आरआर पवार आदि उपस्थित थे।
राज्य जल परिषद की निर्णय-पांच नदी घाटियों के जल प्रारूप को मंजूरी-महाराष्ट्र बना पहला राज्य
प्रमुख विशेषताएं
छह घाटियों के नदियों के जल प्रारूप तैयार करने वाला महाराष्ट्र बना पहला राज्य।
एकात्मिक राज्य जल प्रारूप 17 जनवरी 2015 की पहली बैठक में प्रत्येक घाटी का प्रारूप
तैयार करने का दिया गया बढ़ावा। गोदावरी घाटी के प्रारूप को 30 नवंबर 2017 की बैठक
में मंजूरी। जल प्रारूप में कुल 19 मामलों का समावेश।
उप घाटियों की जानकारी, भूपृष्ठीय शैल स्थिति, जमीन की जानकारी, नदी घाटियों की संरचना,
भूपृष्ठ जल एवं भूजल की स्थिति, जल संपत्ति विकास आंतर घाटी पानी, सिंचाई विकास एवं
व्यवस्थापन, जलस्त्रोत का व्यवस्थापन, गंदा पानी पुनर्वापर आदि मुद्दों का प्रारूप में समावेश है।
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