सबका साथ, सबका विकास- देवेंद्र फडऩवीस सरकार की आतंरिक प्रयास है महा बजट २०१९!

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सबका साथ, सबका विकास- देवेंद्र फडऩवीस सरकार की आतंरिक प्रयास है महा बजट २०१९!

Sabka Saath, Sabka Vikas – Devendra Fadnavis government’s internal effort is the great budget 2019!
अरविन्द यादव ,
समाज विकास संवाद!
मुंबई।

सबका साथ, सबका विकास– देवेंद्र फडऩवीस सरकार की आतंरिक प्रयास है महा बजट २०१९!

भयमुक्त, भूखमुक्त, विषमतामुक्त और रोजगार युक्त महाराष्ट्र के निर्माण को सरकार ने प्राथमिकता दी है।

सरकार के पिछले चार साल के कार्यकाल में 25 फीसदी से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं।

सरकार ने कृषि और कृषि आधारित व्यवसाय को प्राथमिकता देते हुए;

सिंचाई सुविधाओं का विस्तार कर किसानों की आय दोगुनी करने के लिए नियोजित तरीके से कदम उठाए हैं।

वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार : राज्य की देवेंद्र फडऩवीस सरकार ने बुधवार को वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट पेश किया।

विधानसभा में वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, जबकि विधानपरिषद में वित्त राज्यमंत्री

दीपक केसरकर ने विधानपरिषद में बजट पेश किया।

बजट में लोकसभा चुनाव की छाप दिखाई दी।

वित्त मंत्री ने कोई बड़ी लोकलुभावन घोषणा तो नहीं की,  लेकिन इसमें किसान,  युवा,

समाज के वंचित घटक और महिलाओं सहित सभी घटकों का ख्याल रखते हुए राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर,

रोजगार निर्माण,  सभी के लिए घर,  स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया गया है।

 

महा_बजट_२०१९– वित्त मंत्री ने 19,784.39 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का बजट पेश किया।

उन्होंने राज्य की खस्ता वित्तीय स्थिति को नकारते हुए कहा कि राज्य सरकार कुल आय की

तुलना में 25 फीसदी तक कर्ज ले सकती है।

इसे मजबूत वित्तीय स्थिति माना जाता है। पिछले साल कर्ज का प्रतिशत 16.5 फीसदी था,

जो इस साल घटकर 14.82 फीसदी रह गया है।

मुनगंटीवार ने कहा कि वर्ष 2019-20 के बजट में राजस्व जमा 3 लाख 14 हजार 489 करोड़

रुपए ;और,  राजस्व खर्च 3 लाख 34 हजार 273 करोड़ रुपए का अनुमान लगाया गया है।

इस तरह 19 हजार 784 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा हुआ है।

हर साल वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू होने के बाद सरकार कि वित्तीय सेहत पर

अगले कुछ साल तक असर रहता है।

ऐसे में यह घाटा लाजमी है। उन्होंने कहा कि अनाश्यक खर्च में कटौती कर और

राजस्व वसूली को प्रभावी तरीके से बढ़ाकर घाटे को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।

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महा_बजट_२०१९– सड़क, बिजली, पानी पर जोर !

वित्त मंत्री ने किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए कृषि, सिंचाई,  ग्रामीण विकास,

सड़क,  बिजली, पानी और कृषि व्यवसाय को बढ़ावा देने को महत्त्व दिया है।

सरकार ने एक बार फिर वर्ष 2022 तक किसानों की आय दो गुनी करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

22 हजार गांवों को सूखा मुक्त करने के लिए जलयुक्त शिवार योजना को 1500 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

राज्य में सड़कों के विकास के लिए 8500 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है।

ऊर्जा विभाग में आधारभूत सुविधा बढ़ाने के लिए 6306 करोड़ रुपए का प्रावधान है।

स्मार्ट सिटी के लिए 2400 करोड़ बजट में आवंटित किए गए हैं।

अल्पसंख्यक समाज को खुश करने के लिए 465 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए 2921 करोड़ और प्रधानमंत्री आवास योजना ,

के तहत शहरी भागों में गृह निर्माण के लिए 6895 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

राज्य की कर्ज की स्थिति : वर्ष 2019-20 में राज्य पर कुल 4 लाख 14 हजार 411 करोड़ रुपए का कर्ज होने का अनुमान है।

 

महा_बजट_२०१९–इस तरह राज्य पर कुल 4,71,642 करोड़ रुपए का कर्ज है।

मार्च 2018 में पेश बजट में अनुमान के अनुसार राज्य पर 4 लाख 61 हजार 807 करोड़ रुपए का कर्ज का अनुमान लगाया गया था।

इसके अनुसार 2018-19 में 54 हजार 996 करोड़ रुपए कर्ज लेने का अनुमान था,

लेकिन इसे 11 हजार 990 करोड़ तक सीमित किया गया, जिससे सरकार पर 4 लाख 14 हजार 411 करोड़ रह गया।

राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार देखते हुए यह कर्ज वाजिब है।

राज्य के कर्ज की दर राज्य की कुल आय का 14.82 फीसदी है।

वित्तीय निर्देशांक के अनुसार राज्य का कुल कर्ज कुल आय से  25 फीसदी तक होने पर;

राज्य की वित्तीय सेहत को मजबूत माना जाता है।

वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार चालू वित्त वर्ष में कर्ज की दर कुल आय का

15 फीसदी से कम करने में सफल रही है।

बढ़ी कर वसूली : वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2017-18 के बजट में हमने राजस्व व राजकोषीय घाटे का जिक्र किया था।

वह साल जीएसटी (वस्तु व सेवा कर) का पहला साल था।

उस साल टैक्स से 90 हजार करोड़ रुपए के राजस्व का अनुमान लगाया गया था,

लेकिन महाराष्ट्र के किसान, व्यापारी, उद्योगपतियों सहित सभी लोगों के सहयोग से यह आय 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपए हो गई।

 

महा_बजट_२०१९– वित्त मंत्री ने महाराष्ट्र की तमाम जनता को धन्यवाद दिया।

इसके लिए वित्त मंत्री ने महाराष्ट्र की तमाम जनता को धन्यवाद दिया।

पिछले साल मूल बजट में छत्रपति शिवाजी महाराज किसान सम्मान योजना को जिक्र नहीं था।

इसके लिए राज्य को 16 हजार 95 करोड़ रुपए की व्यवस्था करनी पड़ी, जिसमें से 2 हजार 82 करोड़ रुपए शेष हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि 2018-19 के बजट पेश करते हुए 2 लाख 85 हजार 968 करोड़ रुपए के राजस्व जमा का अनुमान था,

साल भर में राजस्व संकलन देखते हुए इसे बढ़ाकर 2 लाख 86 हजार 500 करोड़ रुपए किया गया,

तथा संशोधित राजस्व खर्च 3 लाख 1 हजार 460 करोड़ रुपए का अनुमान लगाया गया।

परिणामस्वरूप 14 हजार 960 रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान है।

वर्ष 2019-20 के बजट में राजस्व जमा 3 लाख 14 हजार 489 करोड़ रुपए तथा राजस्व खर्च 3 लाख 34 हजार 273 करोड़ रुपए का अनुमान है।

इसके परिणामस्वरूप 19 हजार 784 करोड़ रुपए राजस्व घाटे का अनुमान है।

 

महा_बजट_२०१९– वार्षिक योजना पर 99 हजार करोड़!

वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि वर्ष 2019-20 के लिए वार्षिक योजना पर होने वाली खर्च की रकम 99 हजार करोड़ रुपए तय की गई है।

इसमें अनुसूचित जाति उपाय योजना के लिए 9 हजार 208 करोड़,

तथा आदिवासी विकास उपाय योजना के लिए 8 हजार 431 करोड़ तथा जिला वार्षिक योजना के लिए 9 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

सबका साथ, सबका विकास- देवेंद्र फडऩवीस सरकार की आतंरिक प्रयास है महा बजट २०१९!

 

महा_बजट_२०१९– बजट पर एक नजर!

-राजस्व घाटा – 19,784.39 करोड़ 

वार्षिक राजस्व आय – 3,14,489.00 करोड़  

-राजस्व खर्च – 3,34,273.39 करोड़  

-राजकोषीय घाटा – 60,234 .52 करोड़

-विभिन्न योजनाओं का आकार- 99,000 करोड़

-जिला वार्षिक योजना के लिए 9 हजार करोड़ का प्रावधान

-वित्तीय वर्ष में कुल कर्ज- 4 लाख 14 हजार 411

सभी वर्ग को राहत पहुंचाने का प्रयास

अंतरिम बजट में आदिवासी, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग, विमुक्त जाति के लिए प्रावधान किए गए हैं।

अल्पसंख्यक विकास विभाग के मार्फत , राज्य में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए लागू विभिन्न योजनाओं के लिए;  वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल 465 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

 

महा_बजट_२०१९–किसको क्या मिला !

-आदिवासी विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए 8431 करोड़ रुपए प्रस्तावित

-विमुक्त जाति, भटक्या जमाति,   पिछड़ा वर्ग और विशेष पिछड़ा वर्ग की कल्याणकारी योजनाओं के लिए 2 हजार 892 करोड़ रुपए का प्रावधान

-सामाजिक विकास कार्यक्रम अंतर्गत अनुसूचित जाति उपाय योजना के तहत स्कूल,

स्वास्थ्य सेवा, रमाई घरकुल, छात्रावास, निवासी शाला इत्यादि के लिए 9 हजार 208 करोड़ का प्रावधान

-महिला और बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए 465 करोड़ रुपए

-प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) योजना के लिए 6895 करोड़

-राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान योजना के लिए 2 हजार 98 करोड़

-छह से 3 वर्ष के बच्चों, गर्भवती व बच्चों को दूध पिलाने वाली माताओं के पोषण आहार देने के लिए 1017 करोड़

-गरीबी रेखा से ऊपर विदर्भ और मराठवाड़ा विभाग के 14 जिलों के किसानों को गेहूं और चावल सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने के लिए 896 करोड़

-बाला साहेब ठाकरे स्मृति मातोश्री ग्राम पंचायत निर्माण योजना के लिए 75 करोड़

 

महा_बजट_२०१९– पुलिस कर्मियों के घरों के लिए 375 करोड़!

-पुलिस कर्मियों के घरों के लिए 375 करोड़

-राज्य में विभिन्न जगहों पर अदालत की इमारत व निवास स्थान बनाने के लिए 725 करोड़

-प्रधानमंत्री जन स्वास्थ्य योजना व महात्मा फुले जन स्वास्थ्य योजना के लिए 1 हजार 21 करोड़

-ऊर्जा विभाग की आधारभूत सुविधा व अन्य बातों के लिए 6 हजार 306 करोड़

-कृषि ग्राहकों को सस्ती दर पर बिजली देने के लिए 5 हजार 210 करोड़

-स्मार्ट सिटी व अमृत अभियान के लिए 2 हजार 400 करोड़

-जलसंकट और सूखा प्रभावितों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आर्थिक मदद के लिए आकस्मिक निधि से 2 हजार करोड़ रुपए

-सिंचाई के लिए 8 हजार 733 करोड़

-जलयुक्त शिवार अभियान के लिए 1 हजार 500 करोड़

-कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए 3 हजार 498 करोड़

-सूक्ष्म सिंचन, कुएं और शेततले सहित रोजगार गारंटी योजना विभाग के लिए 5 हजार 187 करोड़ !

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