सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए उपाय योजना का जायजा लेंगे सभी पालकमंत्री – मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडऩवीस !
Measures for drought-prone areas will review the scheme. All foster ministers – Chief Minister Devendra Fadnavis!
समाज विकास संवाद !
मुंबई।
सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए उपाय योजना का जायजा लेंगे सभी पालकमंत्री – मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडऩवीस !
राज्य में भीषण सूखे को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस ने मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई।
इस बैठक में सूखाग्रस्त क्षेत्रों से निपटने के लिए; सरकार द्वारा शुरू की गई उपाय योजना लोगों तक सही तरीके से पहुंच रही है कि नहीं ;
इसके लिए राज्य के सभी पालकमंत्री अपने-अपने क्षेत्रों का दौरा शुरू कर स्थिति का जाएजा लेंगे।
मंत्रालय में मंत्रिमंडल की इस बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए; राज्य के मदद पुनर्वसन और राजस्व मंत्री श्री चंद्रकांत दादा पाटिल ने कही।
पाटिल जी ने बताया कि; नौ मार्च यानी चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले राज्य सरकार ने भीषण सूखे की स्थिति को देखते हुए
महाराष्ट्र के 12,116 गांवों को सूखाग्रस्त घोषित कर इसकी जानकारी केंद्र सरकार को भेज दिया था,
जिसके बाद केंद्र सरकार ने मदद के लिए 4,714 करोड़ रुपए राज्य सरकार को दिया था।
राज्य में सूखे से पीडि़त 68 लाख किसानों के खातों में 4,412 करोड़ रुपए सीधे उनके खातों में जमा किए जा चुके है।
बाकी के बचे 1100 करोड़ खातों का सत्यापन कर उसमें जमा किए जाएंगे।
साथ ही राज्य सरकार ने अपने बजट में सूखे से पीडि़त किसानों के लिए 3400 करोड़ रुपए वीमा के तहत देने की घोषणा की है,
जिसमें से 3200 करोड़ दिए जा चुके है।
बाकी के बचे 1100 करोड़ खातों का सत्यापन कर उसमें जमा किए जाएंगे।
सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए उपाय योजना! आचार संहिता से पहले राज्य सरकार ने सूखाग्रस्त क्षेत्रों में कुल आठ सुविधा शुरू की!
चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि आचार संहिता से पहले राज्य सरकार ने सूखाग्रस्त क्षेत्रों में कुल आठ सुविधा शुरू की है।
जानवरों को लिए 1264 चारा छावनी और पीने के लिए पानी के 4,774 टैंकर शामिल है।
पाटिल ने कहा कि सूखाग्रस्त इलाकों में कुल साढ़े आठ लाख जानवर इससे प्रभावित है।
बड़े जानवरों के लिए पहले 70 रुपए दिया जा रहा था, जिसे बढ़ाकर अब 90 रुपए कर दिया गया है,
साथ ही छोटे जानवरों को पहले 45 अब 65 रुपए देने का निर्णय सरकार ने लिया है।
मदद पुनर्वसन मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि अमरावती में 24,
औरंगाबाद में 6, कोकण में 40, नागपुर में 11, नाशिक में 18 और पुणे में 23 फीसदी पानी बचा है।
इस वर्ष कम बारिश होने के कारण माराठवाड़ा,
पश्चिम महाराष्ट्र के साथ ही कुछ उत्तर महाराष्ट्र के हिस्से को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है।
उन्होंने कहा कि इसमें सबसे कम पानी औरंगाबाद में बचा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि आगामी जून महीने तक के लिए सरकार ने व्यवस्था किया गया है।
पाटिल ने कहा कि भीषण सूखे को देखते हुए सरकार के सभी पालकमंत्री क्षेत्रों के दौरे की शुरुआत करेंगे।
सूखाग्रस्त इलाके में जाकर स्थानीय अधिकारियों के बैठक कर सूखाग्रस्त पीडि़तों को मिलने वाले हर संभव मदद का जायजा लेंगे।
आचार संहिता के कारण अधिकारियों के साथ बैठक करने के लिए परमिशन नहीं मिला,
तो पालक मंत्री सूखाग्रस्त पीडि़तों को मिलने वाली सुविधा का जायजा लेंगे।
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