श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर होगी जम्मू-कश्मीर की चेनानी नाशरी सुरंग- नितिन गडकरी!
The Chenani Nashri tunnel of Jammu and Kashmir will be named after Shyama Prasad Mukherjee: Nitin Gadkari
समाज विकास संवाद,
नई दिल्ली।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर होगी जम्मू-कश्मीर की चेनानी नाशरी सुरंग- नितिन गडकरी!
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में नेशनल हाइवे-44 पर स्थित चेनानी-नाशरी सुरंग का नाम
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह श्यामा प्रसाद के लिए हमारी विनम्र श्रद्धांजलि है।
कश्मीर के लिए एक ‘राष्ट्र एक झंडा मुद्दे पर लड़ी गई उनकी लड़ाई ने राष्ट्रीय एकीकरण में बहुत योगदान दिया है।
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाकर सरदार पटेल,
भीमराव आंबेडकर और श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना पूरा कर दिया है।
विपक्षी पार्टियां और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पटेल, आंबेडकर और मुखर्जी का अपमान किया है।
कांग्रेस सुरक्षा नहीं दे सकती, महापुरुषों का सम्मान नहीं कर सकती, ऐसे विपक्षी दलों को वोट मांगने का अधिकार है क्या?
श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम! भारतीय जनता पार्टी और जम्मू-कश्मीर का नाता बहुत पुराना है!
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी और जम्मू-कश्मीर का नाता बहुत पुराना है।
इस नाते को स्थापित करने का श्रेय बैरिस्टर, शिक्षाविद् डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को जाता है।
मुखर्जी अनुच्छेद 370 के खिलाफ थे। इसके चलते नेहरू की कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद 1951 में उन्होंने जनसंघ की स्थापना की थी।
23 जून 1953 को जम्मू-कश्मीर की जेल में उनकी मृत्यु हो गई थी।
जम्मू-कश्मीर के लिए ‘एक देश, एक विधान’, ‘एक प्रधान’ का जो सपना डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देखा था और जिसके लिए हजारों लोगों ने शहादत दी थी,
वो सपना अब साकार हो गया है।
न्यायविद् और शिक्षाविद् सर आशुतोष मुखर्जी के पुत्र श्यामा प्रसाद मुखर्जी!
गौरतलब है कि न्यायविद् और शिक्षाविद् सर आशुतोष मुखर्जी के पुत्र श्यामा प्रसाद मुखर्जी 1929 से राजनीति में थे।
जम्मू-कश्मीर सहित कई मुद्दों पर असहमति के बाद वह पंडित जवाहर लाल नेहरू के मंत्रिमंडल से अलग हो गए थे।
21 अक्टूबर 1951 को वह जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष बन गए।
नई पार्टी ने 1952 का चुनाव लड़ा, लेकिन संसद में केवल तीन सीटें मिलीं।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम! चेनानी-नाशरी दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे लंबी टनल है!
चनैनी-नाशरी सड़क सुरंग दक्षिण पूर्व एशिया और देश की सबसे लंबी टनल है।
नौ किलोमीटर लंबी चनैनी-नाशरी मुख्य टनल में 13 मीटर चौड़ी दो लेन हैं।
इनके समांतर छह मीटर चौड़ी एक बचाव टनल भी है।
प्रत्येक 300 मीटर के अंतराल पर मुख्य टनल और एक्सेप टनल के बीच क्रॉस पैसेज हैं।
इसका निर्माण मुश्किल भूगर्भीय स्थिति वाली निचली हिमालय पर्वत श्रृंखला की पहाड़ी में किया गया है।
इसकी निर्माण लागत 3720 करोड़ रुपए है।
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