ग्रामीण जीवन में उज्ज्वला योजना की योगदान-वंचित अवस्था से विकास की ओर एक कदम।
Contribution of Ujjwala scheme in rural life – a step towards development from deprived state.
अरविन्द यादव ,
समाज विकास संवाद!
मुंबई।
ग्रामीण जीवन में उज्ज्वला योजना की योगदान-वंचित अवस्था से विकास की ओर एक कदम, ग्रामीण और आदिवासी महिलाएं शहरी महिलाओं की तुलना में पीछड़ी, मुंबई में एलपीजी गैस की शुरुआत।
रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी द्वारा; दादर स्थित वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक में आयोजित
‘ग्रामीण जीवन में उज्ज्वला योजना की योगदान-वंचित अवस्था से विकास की ओर“
इस विषय पर आयोजित राष्ट्रीय परिषद में मुख्य अतिथि; केंद्रिय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान,
राज्यसभा के सांसद विनय सहस्रबुद्धे, विशेष अतिथि विधायक आशीष शेलार,
राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा विजया राहातकर, प्रबोधिनी के महासंचालक रविंद्र साठे,
सहित महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों से आए हुए लाभार्थियों को,
उज्ज्वला योजना से होने वाले लाभ के बारे में जानकारी दी गई।
विकास की ओर एक कदम! मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार ने कहा।
इस अवसर पर लाभार्थियों को संबोधित करते हुए; मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार ने कहा-
कि गाँव गाँव जाकर उज्ज्वला योजना का सर्वे रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी की टीम ने किया।
इस कार्य के लिए प्रबोधिनी के टीम को बधाई देता हूं।
उज्ज्ववला योजना से हमारी माताओं – बहनों को काफी हद तक राहत मिली है।
इस योजना के आने के पहले कई गरीव एवं पिछरे शहरी परिवार,
ग्रामीण परिवार सहित आदिवासी परिवारों को खाना बनाने के लिए,
हमारी माताओं-बहनों को जंगलों में जाकर लकड़ी, उबले, कोयला की तलाश करनी पड़ती थी।
इस तलाश में कई घंटों बरबाद करना पड़ता था।
आज हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों से हमारी माताओं-बहनों को; इस समस्या से काफी राहत मिली है।
विकास की ओर एक कदम! माताओं-बहनों को उज्ज्वला एलपीजी गैस सिलेंडर से काफी लाभ प्राप्त।
आज हमारी माताओं-बहनों को उज्ज्वला एलपीजी गैस सिलेंडर से काफी लाभ प्राप्त हुआ है।
प्रधानमंत्री द्वारा चलाए जा रहे अनेक योजनाओं पर हम काम रह रहे हैं।
राज्यसभा के सांसद डॉ विनय सहस्रबुद्धे ने कहा, कि आज दस दिसंबर का दिन अधिकार का दिन है।
जब हम मानव दिवस को मनाते हैं,
तो हमें इसी तरह हमें इससे बाहर का भी जीवन अपने अधिकार के अनुसार जीना चाहिए।
हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की नेतृत्व वाली सरकार; अनेक योजनाओं को चला रही है।
जिसकी हमें जानकारी होनी चाहिए। बहुपरिर्वतनकारी योजना है उज्ज्वला योजना।
हमारी प्रबोधिनी के कार्यकर्ताओं ने उज्ज्वला योजना का सर्वे किया।
महिलाओं को इस योजना का कौन सा लाभ मिला। महिलाओं को इससे क्या फायदा हो रहा है।
शहरी क्षेत्रों, ग्रामीण क्षेत्रों और आदिवासी इलाकों सहित ‘
पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के घरों तक इस योजना का लाभ पहुंचा या नहीं पहुंचा।
इसका सर्वे हमारी टीम ने की है। जो मंत्री महोदय को हम यह रिपोर्ट सौंपेगे।
ग्रामीण जीवन में उज्ज्वला योजना की योगदान-
वंचित अवस्था से विकास की ओर एक कदम!
रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के अगुवाई में आयोजित इस कार्यक्रम के व्यवस्थापकों को बधाई।
वहीं इस अवसर पर केंद्रिय पट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा,
कि रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के अगुवाई में आयोजित; इस कार्यक्रम के व्यवस्थापकों को बधाई देते हुए;
उपस्थित विशेष अतिथि को बधाई दी और प्रबोधिनी सहित; इकॉनोमिक्स फोरम का भी आभार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि शोध टीम ने ठाणे जिले में साढे आठ हजार बहनों के घर पहुंचकर ;
उज्ज्वला गैस के बारे में जानकारी प्राप्त किया ,
एवं इससे महिलाओं को कौन से लाभ हुए, उनमें कौन से सुधार आए इसकी जानकारी ली ।
जो सर्वे इन दोनों संस्थाओं ने मिलकर किया है;
इनका मैं आभार प्रकट करता हूं और साथ ही छत्तीसगड़, महाराष्ट्र सहित,
अनेक राज्यों से लाभार्थिय महिलाएं इस कार्यक्रम में शामिल हुई।
यह सरकार देश की महिलाओं के लिए और वंचितों के लिए समर्पित है और आगे भी रहेगी।
देश के बारे में मैं सोचता हूं और देश की महिलाओं के बारे में सोचता हूं,
कि देश में आने वाली नई व्यवस्था दी जाए।
हमारी सरकार ने गरीब महिलाओं के लिए एलपीजी गैस कनेक्शन पहुंचाने का कार्य किया है।
27 करोड़ परिवारों को इस योजना से जोडऩे का लक्ष्य।
27 करोड़ परिवारों को इस योजना से जोडऩे का लक्ष्य है।
गरीब घरों की महिलाएं खाना बनाने के लिए जंगलों में जाकर लकड़ी, उबले,
की तालाश करती हैं और फिर वह उसे लेकर आती हैं , जंगलों में इसे ढूंढऩे में पांच से छह घंटे बर्बाद होता है।
इसके बाद घर में आकर खाना बनाने का कार्य करती हैं।
खाना बनाते समय लकड़ी के धूएं से होने वाले ; वायु प्रदूषण से कई बीमारियों से त्रस्त होना पड़ता है,
जिससे उनकी अकाल मृत्यु हो जाती है।
ऐसी अमानविक परिस्थिति से इन्हें बचाने के लिए हमारी सरकार ने ;
आपनी खर्चा से उज्ज्वला गैस योजना को संपूर्ण भारत के गरीब-से गरीब घरों;
और वंचितों को पहुंचाने का कार्य किया है ,
आगे भी जहां उज्ज्वला गैस नहीं पहुंच पाई है वहां पहुंचाने का कार्य किया जाएगा ।
1995 में मुंबई में एलपीजी गैस की शुरुआत हुई।
1995 में मुंबई में एलपीजी गैस की शुरुआत हुई थी।
उस समय 13 करोड़ घरों में गैस कनेक्शन पहुंच चुकी थी।
उस समय वाजपेयी जी की सरकार थी और पेट्रोलियम मंत्री राम नाईक जी थे ;
जिन्होंने गैस उपभोक्ता की संख्या 13 करोर से २५ करोर तक पहुंचा दिया था ,
उस समय गैस कनेक्शन को लेकर काला बाजारी होता था,
एवं कूपन द्वारा धांधली से काफी नुकसान सरकार को होता था।
आज कुछ लोग सरकार पर टिप्पणी करते हैं कि एलपीजी गैस में सरकार 900 रुपए लेती है,
मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि यह उज्ज्वला योजना हमने चार बिंदुओं पर शुरू किया है।
गरीब परिवार के लिए 20 से 25 रुपए बहुत ही मायने रखते हैं।
वह 20 से 25 रुपए की कीमत को समझता है।
आज खाना बनाने के लिए शहरी इलाके हो या ग्रामीण इलाके हो या आदिवासी क्षेत्र हो,
लोगों को लकड़ी या उबले का सहारा लेना ही पड़ता है, अगर नहीं मिलता तो उन्हें खरीदना पड़ता है।
यदि ये नहीं मिला यो कोयला नहीं तो ब्लैक में केरोसिन लेकर खाना बनाना पड़ता है ,
जिसे लेने में कम से कम एक हजार रुपए की कीमत तक का खर्च आता है,
और उनका समय बर्बाद भी होता है।
नरेंद्र मोदी जी द्वारा चलाए जा रहे उज्ज्वला योजना से सब्सिडी भी मिल रही है ,
और साथ ही साथ महिलाओं को होने वाली कई बीमारियों से बचाव भी हो रहा है,
महिलाओं का समय भी बच रहा है। इससे कई अनेको लाभ इन परिवारों को मिल रहा है।
ग्रामीण जीवन में उज्ज्वला योजना की योगदान-वंचित अवस्था से विकास की ओर एक कदम।
ग्रामीण और आदिवासी महिलाएं!
दूसरे सत्र की शुरुआत में महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर,
डॉ. हर्षता ताई योगीनी, दिल्ली से आए डॉ. सुधिर गुप्ता जी ने अपने व्यक्तव्य रखे।
विजया रहाटकर से लाभार्थियों ने अपने-अपने विचार रखे।
जिने विचारों का जवाब विजया जी ने इस सत्र के दौरान दिए।
आखिरी सत्र को संबोधित करते हुए राज्यसभा के सांसद,
विनय सहस्रबुद्धे ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य सहित अन्य राज्यों से आई;
लाभार्थियों महिलाओं का आभार व्यक्त किया और कहा कि हमें वंचित महिलाओं,
गरीबों और ग्रामीण क्षेत्र, शहरी क्षेत्र, आदिवासी क्षेत्रों की महिलाओं को प्रशिक्षित करना होगा।
उन्हें पढऩे के लिए अपने ही गांव में पुस्तकालय का निर्माण करने की जरूरत है।
आज शहरी महिलाओं और ग्रामीण महिलाओं में बहुत ही अंतर दिखता है ,
शहरी महिलाएं पढ़ी-लिखी होती हैं और वह आगे बढ़ती है।
ग्रामीण और आदिवासी महिलाएं शहरी महिलाओं की तुलना में पीछड़ी।
ग्रामीण और आदिवासी महिलाएं शहरी महिलाओं की तुलना में पीछड़ी हुई हैं।
उन्हें आगे लाने का प्रयास हमें करना चाहिए।
उज्ज्वला गैस महिलाओं के लिए एक वरदान साबित हो रहा है।
उनका समय बच रहा है उन्हें अपने इस बचे हुए समय में कोई न कोई रोजगार करना चाहिए, और आगे बढऩा चाहिए।
पहले मोबाइल आया, उसके बाद मोबाइल रिपेरिंग के नए-एन रोजगार उपलब्ध हुए।
इसी तरह आज उज्ज्वला गैसे आया है , और महिलाओं के लिए इसमें भी नए-नए रोजगार उपलब्ध होंगे।
कार्यक्रम का समापन पूर्व डॉ विनय सहस्रबुद्धे ने लाभार्थी महिलाओं को पूरे दिन चले सत्र में;
पूर्ण उत्साह से सहभाग होने पर धन्यवाद दिया ;
एवं इस योजना को आगे ले जाने के लिए प्रोत्साहित किया।
…
ग्रामीण_जीवन, उज्ज्वला_योजना, वंचित_अवस्था_से_विकास, मुंबई में एलपीजी गैस की शुरुआत,
Amazing Amazon News, Samaj Vikas Samvad, New India News, Samaj Ka Vikas,
Gadget Samvad, science-technology Samvad, Global Samvad,
समाज, समाज विकास, समाज संवाद, विकास, विकास संवाद, संवाद,
samaj, samaj vikas, samaj samvad, vikas, vikas samvad, samvad,
व्यापार संवाद, आयुर्वेद संवाद, गैजेट्स संवाद, समाज विकास संवाद
[…] आरोग्य एवं आर्थिक सुधार ला राहा है प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना– […]