कन्हैयालाल की तरह उमेश कोल्हे को भी आतंकवादियों से हत्या करवाने वाले उनके अच्छे दोस्त थे! – एन आई ए की बड़ा खुलाशा!
रिटायर्ड लेफ्टनेंट पि मुन्सी. (संवाद विश्लेषक)
समाज विकास संवाद!
न्यू दिल्ली,
कन्हैयालाल की तरह उमेश कोल्हे को भी आतंकवादियों से हत्या करवाने वाले उनके अच्छे दोस्त थे! – एन आई ए की बड़ा खुलाशा!
उदयपुर के कन्हैयालाल की तरह ही धार्मिक बयां से बिबादो में घेरे नूपुर शर्मा का बिबादित बयां को समर्थन करने के लिए
अमरावती जिल्हे के उमेश कोल्हे को मारने के उद्देश्य से इस्लामवादियों को उकसाने वाले पशु चिकित्सक यूसुफ खान,
पीड़ित उमेश कोल्हे एवं उनके परिवार के अच्छे दोस्त थे!
युसूफ खान ने उमेश कोल्हे के संदेश को व्हाट्सएप ग्रुप्स में बिबादो में घेरे नूपुर शर्मा का समर्थन करते हुए फॉरवर्ड किया
था, यह कहकर इस्लामवादियों को उनके खिलाफ भड़काया था कि वह ईशनिंदा के आरोपी का समर्थन कर रहे थे।
नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे की निर्मम हत्या में दो और आरोपियों के गिरफ्तार होने से अब
यह बात सामने आई है कि अब तक इन मुद्दे पर जो भी हत्याएं इस्लामवादियों ने की,
उनके साथ उनके परिचित लोगों ने ही विश्वासघात किया।
बिबादित नूपुर शर्मा को कन्हैया लाल के समर्थन की बात उसके पड़ोसी व् मित्र नाज़िम ने उजागर किया!
जिस तरह बिबादित नूपुर शर्मा को कन्हैया लाल के समर्थन को उसके पड़ोसी व् मित्र नाज़िम ने उजागर किया,
जिसके कारण उदयपुर में कन्हैया का सिर कलम कर दिया गया, ठीक उसी तरह अमरावती के उमेश कोल्हे भी
पशु चिकित्सक यूसुफ खान के अच्छे दोस्त थे, जिन्होंने कोल्हे के खिलाफ हत्यारों को उकसाया था।
इस बात का खुलासा पीड़ित उमेश कोल्हे के भाई महेश कोल्हे ने किया।
उन्होंने कहा कि मामले में पुलिस नोट से उन्हें पता चला है कि नूपुर शर्मा पर पोस्ट करने के लिए उनके भाई की हत्या कर दी गई थी.
महेश कोल्हे ने कहा कि उमेश कोल्हे एक पशु चिकित्सक यूसुफ खान के अच्छे दोस्त थे,
जिन्हें मामले में शामिल होने के लिए अमरावती से गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि वे खान को 2006 से जानते हैं।
पीड़िता के भाई को उम्मीद है कि जांच की गति तेज होगी क्योंकि मामले के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया गया है
और अन्य सभी आतंकी नेटवर्क को भी जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. उन्होंने मांग की कि इस अपराध की
सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होनी चाहिए और अधिकतम सजा फांसी दी जानी चाहिए।
Through the Police note, we found out that my brother was murdered over his post on Nupur Sharma…He was good friends with Yusuf Khan (arrested accused), a practicing veterinarian. We knew him since 2006: Mahesh Kolhe, brother of Umesh Kolhe murdered in Amravati, Maharashtra pic.twitter.com/HfhunszBRO
— ANI (@ANI) July 3, 2022
उमेश कोल्हे हत्या मामले में “पशु चिकित्सक यूसुफ खान ने अन्य आतंकियों को उकसाया।”
जबकि पुलिस इस मामले में हत्यारों सहित 5 लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी,
कल दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, पशु चिकित्सक यूसुफ खान बहादुर खान और
एक एनजीओ चलाने वाले मास्टरमाइंड शेख इरफान शेख रहीम। पुलिस के अनुसार,
युसूफ खान ने उमेश कोल्हे के संदेश को व्हाट्सएप ग्रुप्स में बिबादित नूपुर शर्मा का समर्थन करते हुए फॉरवर्ड किया था,
यह कहकर इस्लामवादियों को उनके खिलाफ भड़काया था कि वह ईशनिंदा के आरोपी का समर्थन कर रहे थे।
पुलिस ने कहा, “पशु चिकित्सक यूसुफ खान ने अन्य आरोपियों को उकसाया।”
यूसुफ खान और उमेश कोल्हे एक-दूसरे को इसलिए जानते थे क्योंकि उनके पेशे जुड़े हुए थे,
खान एक पशु चिकित्सक और कोल्हे एक मेडिकल स्टोर के मालिक थे। आखिरकार वे वर्षों में अच्छे दोस्त बन गए थे।
कथित तौर पर, खान हत्या के बाद उमेश कोल्हे के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए थे।
नागपुर से गिरफ्तार इरफान शेख ने हत्यारों को आर्थिक और हत्या व् पलायन की सामग्री उपलब्ध कराया!
दूसरी ओर, नागपुर से गिरफ्तार किए गए इरफान शेख ने हत्यारों को आर्थिक और हत्या व् पलायन की सामग्री सहायता प्रदान की थी।
उसने प्रत्येक हत्यारे को ₹10,000 देने का वादा किया था, और उन्हें एक कार में सुरक्षित रूप से भागने में मदद की थी।
अब तक सामने आये इन दोनों ही मामले में पीड़ित के परिचित व्यक्ति की संलिप्तता इस्लामवादियों द्वारा हिंसा में
एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति की ओर इशारा करती है जो पहली बार कश्मीरी पंडितों के नरसंहार में देखी गई थी,
और कन्हैया लाल हत्या मामले में भी हुई थी।
उदयपुर मामले में, बिबादित नुपुर शर्मा का समर्थन करने के लिए हिंदू दर्जी के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद,
उसके पड़ोसी नाजिम ने सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीर और पता लीक कर दिया था,
यह कहते हुए कि उसने ईशनिंदा की है एवं धार्मिक भावनाओ को ठेस पहुचाया है,
जिससे इस्लामवादियों को भड़काया जा रहा है। नाजिम और अन्य लोगों ने भी कन्हैया लाल को एक सप्ताह के लिए
अपनी दुकान खोलने से रोका था, और अंत में जब उन्होंने दुकान खोली,
तो इस्लामवादियों ने ग्राहक बनकर उनका सिर काट दिया।
उमेश कोल्हे हत्या एन आई ए की खुलाशा
इंजीनियर बीके गंजू की निर्मम हत्या के मामले सहित कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार में भी ऐसी ही घटनाएं हुई थीं।
इंजीनियर बीके गंजू की निर्मम हत्या के मामले सहित कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार में भी ऐसी ही घटनाएं हुई थीं।
1990 में जब इस्लामवादी कश्मीरी हिंदुओं की हत्या की होड़ में थे, गंजू चावल के बैरल में छिपा हुआ था।
लेकिन, उसके ठिकाने का खुलासा उसके अपने पड़ोसियों ने ही आतंकवादियों को कर दिया था।
उन्हें आतंकवादियों ने गोली मार दी थी, जिन्होंने चावल की बैरल पर कई राउंड फायर किए थे,
जिससे कंटेनर से खून टपक रहा था। खून में भीगा हुआ चावल फिर जबरदस्ती गंजू की पत्नी को खिलाया गया।
इस घटना को फिल्म द कश्मीर फाइल्स में भी दिखाया गया था।
एक अन्य पीड़ित गिरिजा टिक्कू को भी उसके साथियों ने तनख्वाह लेने के लिए बुलाया था। रिपोर्टों के अनुसार,
उसके आंदोलनों की सूचना स्थानीय इस्लामवादियों को दी गई और टिक्कू को एक सहकर्मी के घर से अपहरण कर लिया
गया, यातना दी गई और बाद में आरी से उसके टुकड़े कर दिए गए।
अमरावती पुलिस ने उमेश कोल्हे घटना को राजनैतिक दबाव के कारण छुपाने का प्रयत्न किया था!
गौरतलब है कि जहां उमेश कोल्हे की हत्या करीब दो हफ्ते पहले हुई थी,
वहीं कल ही स्थानीय पुलिस ने खुलासा किया था कि नूपुर शर्मा का समर्थन करने के लिए उसकी हत्या की गई थी.
इससे पहले पुलिस दावा कर रही थी कि यह लूट का मामला है।
लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा एनआईए को मामला सौंपे जाने और महाराष्ट्र में सरकार बदलने के बाद पुलिस ने
आखिरकार हत्या के असली मकसद को स्वीकार कर लिया।
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