हरित हाइड्रोजन मिशन के अनुरूप स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस का शुभारंभ डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा!
समाज विकास संवाद!
न्यू दिल्ली,
प्रधानमंत्री मोदी के नेशनल हरित हाइड्रोजन मिशन के अनुरूप विकसित भारत की पहली स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस का शुभारंभ किया केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने!
भारत की पहली स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस का निर्माण पुणे में स्थित केपीआईटी – सीएसआईआर द्वारा किया गया!
भारत को वैश्विक स्तर पर ले जाने वाली इस ईंधन सेल बस को शक्ति देने के लिए हाइड्रोजन और वायु का इस्तेमाल किया जाता है,
इस प्रक्रिया पर्यावरण को दूषित किये विना ही बिजली उत्पन्न करता है और बस से केवल पानी का प्रवाह होता है,
भारतीय वैज्ञानिक द्वारा सफलता पूर्वक किया गया इस प्रयोग संभवतः अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अब तक किया गया परिवहन का सर्वाधिक पर्यावरण अनुकूल साधन है!
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, डीजल चालित वाहनों की तुलना में ईंधन सेल वाहनों की उच्च दक्षता इस वाहनों की
प्रति किलोमीटर कम परिचालन खर्च को सुनिश्चित करती है और यह भारत में माल ढुलाई में क्रांति ला सकती है!
डॉ. जितेंद्र सिंह ने सीएसआईआर-एनसीएल में बिस्फेनॉल-ए पायलट प्लांट का भी उद्घाटन किया,
यह एपॉक्सी रेसिन, पॉली कार्बोनेट और अन्य इंजीनियरिंग प्लास्टिक उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण फीडस्टॉक है!
प्रधानमंत्री मोदी का हाइड्रोजन विजन भारत के लिए महत्वपूर्ण है!
इस अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा आत्मनिर्भर और सुलभ स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों को पूरा करने
और नए उद्यमियों और नौकरियों के सृजन को सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का हाइड्रोजन विजन भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि हरित हाइड्रोजन एक उत्कृष्ट स्वच्छ ऊर्जा वेक्टर है जो रिफाइनिंग उद्योग, उर्वरक उद्योग, इस्पात उद्योग,
सीमेंट उद्योग और भारी वाणिज्यिक परिवहन क्षेत्र से भी कठिन से कम उत्सर्जन के गहरे डीकार्बोनाइजेशन को सक्षम बनाता है।
तुलनात्मक दृष्टि से लंबी दूरी के मार्गों पर चलने वाली एक डीजल बस आमतौर पर सालाना 100 टन कार्बनडाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन करती है और भारत में ऐसी दस लाख से अधिक बसें हैं।
ईंधन सेल वाहन शून्य ग्रीन-हाउस गैस उत्सर्जन करते हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने केपीआईटी और सीएसआईआर-एनसीएल के संयुक्त विकास प्रयासों की सराहना की और कहा कि
भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों का प्रौद्योगिकी कौशल दुनिया में सर्वश्रेष्ठ और बहुत कम लागत की है।
डीजल से चलने वाले भारी वाणिज्यिक वाहनों से लगभग 12-14 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन और कण उत्सर्जन होता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि डीजल से चलने वाले भारी वाणिज्यिक वाहनों से लगभग 12-14 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन और कण उत्सर्जन होता है।
ये विकेंद्रीकृत उत्सर्जन हैं और इसलिए इसे पाना मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन इस क्षेत्र से सड़क पर होने वाले उत्सर्जन को खत्म करने के लिए एक उत्कृष्ट साधन प्रदान करते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत माल ढुलाई और यात्री परिवहन के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों में वृद्धि करने का भी लक्ष्य बना रहा है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इन लक्ष्यों को प्राप्त करके, भारत जीवाश्म ऊर्जा के शुद्ध आयातक से स्वच्छ हाइड्रोजन ऊर्जा
का शुद्ध निर्यातक बन सकता है और इस तरह हरित हाइड्रोजन उत्पादक और
हाइड्रोजन के लिए उपकरणों का बड़ा आपूर्तिकर्ता बनकर भारत को हाइड्रोजन अंतरिक्ष में वैश्विक नेतृत्व प्रदान कर सकता है।
हरित हाइड्रोजन मिशन! डॉ. जितेंद्र सिंह ने सीएसआईआर-एनसीएल में बिस्फेनॉल-ए पायलट संयंत्र का उद्घाटन किया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने सीएसआईआर-एनसीएल में बिस्फेनॉल-ए पायलट संयंत्र का उद्घाटन भी किया।
उन्होंने कहा कि इन पायलट संयंत्रों ने सीएसआईआर के कोविड-19 मिशन कार्यक्रम और
बल्क केमिकल्स मिशन कार्यक्रम के तहत एनसीएल द्वारा विकसित नवीन प्रक्रिया प्रौद्योगिकियों का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि बिस्फेनॉल-ए (बीपीए) एपॉक्सी रेसिन, पॉली कार्बोनेट और
अन्य इंजीनियरिंग प्लास्टिक के उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण फीडस्टॉक है।
उन्होंने कहा कि बिस्फेनॉल-ए के लिए वैश्विक बाजार 2027 तक 7.1 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान है,
जो विश्लेषण अवधि 2020-2027 में 2 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ रहा है।
आज भारत में 1,35,000 टन की कुल अनुमानित वार्षिक मांग का आयात किया जाता है।
मंत्री महोदय ने आशा व्यक्त की कि सीएसआईआर-एनसीएल की तकनीक इस महत्वपूर्ण कच्चे माल के आयात
विकल्प को सक्षम करेगी और भारत की आत्मानिर्भर पहल में सहायता करेगी।
हरित हाइड्रोजन मिशन! भारत की स्वदेशी तकनीक अब वैश्विक मानक के साथ प्रतिस्पर्धी!
सीएसआईआर-एनसीएल द्वारा विकसित प्रक्रिया की विशिष्टता एक नवीन डाउनस्ट्रीम प्रक्रिया प्रौद्योगिकी है,
जो इस स्वदेशी तकनीक को वैश्विक मानक के साथ प्रतिस्पर्धी बनाती है।
प्रक्रिया प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और वाणिज्यिक पैमाने पर आगे सह-विकास के लिए तैयार है।
…
समाज, समाज विकास, समाज संवाद, विकास, विकास संवाद, संवाद, समाज विकास संवाद
samaj, samaj vikas, samaj samvad, vikas, vikas samvad, Samaj vikas samvad
সমাজ, সমাজ বিকাস , সমাজ সংবাদ, বিকাস, বিকাস সংবাদ, সংবাদ, সমাজ বিকাস সংবাদ