जागतिक महिला दिवस! महिलओं के साथ हो रहे लैंगिक भेदभाव वैश्विक चुनोती- स्मृति ईरानी।

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जागतिक महिला दिवस! महिलओं के साथ हो रहे लैंगिक भेदभाव वैश्विक चुनोती-स्मृति ईरानी। 

Global Women’s Day! Gender discrimination with women is a Global Setback – Smriti Irani.

समाज विकास संवाद!
न्यू दिल्ली,

जागतिक महिला दिवस! महिलओं के साथ हो रहे लैंगिक भेदभाव वैश्विक चुनोती- स्मृति ईरानी, भारत की विकास गाथा में महिलाओं की रही है केन्‍द्रीय भूमिका!

महिला और बाल विकास मंत्रालय तथा विश्‍व बैंक द्वारा आज नई दिल्‍ली में ‘’काम का भविष्‍य : भारत के श्रम-बल में महिलाएं’’

विषय पर एक परिचर्चा   का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन केंद्रीय  महिला और बाल विकास मंत्री

श्रीमति स्‍मृति जुबिन ईरानी व विश्‍व बैंक के कंट्री डॉयरेक्‍टर डॉ. जुनैद कमल अहमद द्वारा किया गया!

इस अवसर पर महिला उद्यमियों व अन्‍य साझेदारों के साथ खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग के सचिव सुश्री पुष्‍पा सुब्रमह्यम,

कौशल विकास और उद्यमिता सचिव प्रवीण कुमार,

वित्‍तीय संयुक्‍त सेवाओं के अपर सचिव संजीव कौशिक तथा मंत्रालय में विशेष सचिव श्री अजय तिरके भी उपस्थित  थे।

 

भारत ने लैंगिक मुद्दों पर आगे बढ़कर नेतृत्व किया है।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने समापन उद्बोधन में  कहा कि लैंगिक भेदभाव एक वैश्विक चुनौती है और;

भारत ने लैंगिक मुद्दों पर आगे बढ़कर नेतृत्व किया है। उन्होंने कहा कि अब निराशा को छोड़ने का वक्‍त आ गया है।

उन्होंने बताया कि अब से सरकार की कोई भी नीति निराशा और;भय पर आधारित नहीं होंगी उन्होंने कहा कि

महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पहली बार एक आहार योजना, तैयार की गई है! और;

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने देश के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों के साथ इसे साझा किया है।

प्रतिवर्ष वर्ष घरेलू हिंसा के एक लाख मामले दर्ज होते हैं और लिंग-तटस्थ समाज बनाने के लिए न केवल लड़कियों को

शक्ति सम्‍पन्‍न बनाना जरूरी है, बल्कि उन लड़कों को भी उठाना जरूरी है, जो लैंगिक मुद्दों के प्रति संवेदनशील हैं।

 

भारत की विकास गाथा में महिलाओं की रही है केन्‍द्रीय भूमिका!

भारत की विकास गाथा में महिलाओं की केन्‍द्रीय भूमिका, महिलाओं को विकास सम्‍पन्‍न बनाने और;

महिला उद्यमियों की गाथा पर चर्चा के तीन सत्र आयोजित किए गए। इसके अलावा उनके कौशल और;

प्रशिक्षण तथा जो महिलाएं अपना व्‍यवसाय स्‍थापित करना चाहती है, बैंक ऋण लेना चाहती है और कार्यबल में शामिल होना चा‍हती है

उनके सामने आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए महिला उद्यमियों के लिए विभिन्न सरकारी हस्तक्षेपों के बारे में चर्चा की गई।

 

भारत में पाँच लड़कियों में से एक लड़की का विवाह 20 वर्ष की आयु से पहले हो जाता है!

भारत में महिलाओं को मिलाकर केवल 23 प्रतिशत श्रम-बल और पाँच लड़कियों में से एक लड़की का विवाह 20 वर्ष की आयु से

पहले हो जाता है, बीच में ही स्‍कूल की पढ़ाई छोड़ देने वाली लड़कियों की दर अधिक है। बच्‍चों की देखभाल,

घरेलू कार्य और कार्यबल में महिलाओं के लिए अनुकूल माहौल की कमी के कारण भारत में श्रम-बल काफी कम है।

हालाँकि इस समस्या का कोई त्वरित समाधान नहीं है, लेकिन सरकार विभिन्‍न नीतियों और

योजनाओं जैसे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, मु्द्रा, कौशल विकास, स्टैंड-अप इंडिया और

पोषण जैसी विभिन्न नीतियों और योजनाओं के माध्यम से श्रम-बल में महिलाओं को बढ़ाने उन्‍हें सशक्त बनाने और

रोजगार के लिए सभी प्रयास कर रही है।

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