क्या है राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम)? कैसे मिलता है गोपाल रत्न पुरस्कार? कहाँ और कैसे करे आवेदन?

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क्या है राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम)? कैसे मिलता है गोपाल रत्न पुरस्कार? कहाँ और कैसे करे आवेदन?

समाज विकास संवाद!
न्यू दिल्ली,

 

क्या है राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम)? कैसे मिलता है गोपाल रत्न पुरस्कारक्या है गोपाल रत्न पुरस्कार? कहाँ और कैसे करे आवेदन?

केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी विभाग किसानों को स्थायी आजीविका प्रदान करने के लिए पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के प्रभावी विकास के उद्देश्य से हर संभव प्रयास कर रहा है।

भारत की स्वदेशी गोजातीय नस्लें काफी पुष्ट हैं और ये देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आनुवंशिक क्षमता रखती हैं।

 

 

 

राष्ट्रीय गोकुल मिशन का प्रमुख उद्देश्य क्या है?

 

स्वदेशी गोवंस की इसी विशेषताओं को देखते हुए भारत में पहली बार “राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम)” दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था,

राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) का उद्देश्य स्वदेशी गोजातीय नस्लों को वैज्ञानिक तरीके से संरक्षित तथा विकसित करना है।

भारतीय नस्ल के गोवंश को संरक्षण देने एवं साथ ही साथ कृषि क्षेत्र में शाश्वत कृषि को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन ने पिछले कई वर्ष से अपना भरपूर योगदान दे रहा है!

पिछले चार पांच वर्ष से राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत देश के लाखो किशानो की आय में पर्याप्त बृद्धि भी हुआ है!

देशी नस्ल के गो वंश का पालन से दुग्ध व्यवसाय सहित अन्य डेरी व्यवसाय में भी नयी सम्भावना विकशित हुआ है!

 

 

 

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार क्या है ?  इसे पाने के लिए कैसे करे आवेदन?

गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए आवेदन लिंक :- Nominate/Apply Now

कृषि एवं गो पालन से जुड़े हुए करोरो किसानों को भारत की शाश्वत कृषि के और प्रोत्साहित करने के लिए

प्रति वर्ष राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल अर्थात https://awards.gov.in के माध्यम से

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए आवेदन आमंत्रित किया जाता है!

दुग्ध उत्पादक किसानों और इस क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्तियों तथा दुग्ध उत्पादकों को बाजार तक

सुलभ पहुंच प्रदान करने वाली डेयरी सहकारी समितियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रति वर्ष की तरह

इस वर्ष 2022 में भी निम्नलिखित श्रेणियों में राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार प्रदान करना जारी रखा है:-

 

  • देशी गाय / भैंस की नस्लों को पालने-पोसने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान (पंजीकृत नस्लों की सूची संलग्न है).

 

  • सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी).

 

  • सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति / दुग्ध उत्पादक कंपनी / डेयरी किसान उत्पादक संगठन.

 

 

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार में प्रत्येक श्रेणी में योग्यता का प्रमाण पत्र, एक स्मृति चिन्ह और मिलने वाले पुरस्कार की राशि निम्नानुसार है:-

  • प्रथम पुरस्कार रु. 5,00,000/- (पांच लाख रुपये मात्र)

 

  • दूसरी पुरस्कार  रु. 3,00,000/- (तीन लाख रुपये मात्र) और,

 

  • तीसरी पुरस्कार रु. 2,00,000/- (दो लाख रुपये मात्र)

 

 

राष्ट्रिय गोपाल रत्न पुरस्कार २०२२! आवेदन की अंतिम तारीख क्या है?

 

प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष अर्थात साल २०२२ में भी केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत

पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कारों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल अर्थात

https://awards.gov.in के माध्यम से 01.08.2022 से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये हैं।

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कारों के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 15.09.2022 है।

ये पुरस्कार राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (26 नवंबर, 2022) अवसर पर प्रदान किए जायेंगे।

पात्रता आदि के संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करने हेतु और ऑनलाइन आवेदन जमा करने के लिए

इस पुरस्कार सम्बंधित वेबसाइट https://awards.gov.in में देखा जा सकता है।

 

भारत में गोवंश एवं मवेशियों तथा भैंसों की पंजीकृत नस्लों के नाम इस लेख के अंतिम पंक्ति में दिए गए हैं।

 

 

 

क्या है राष्ट्रिय गोपाल रत्न पुरस्कार प्राप्ति के लिए आवेदन करने की पात्रता?

गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए आवेदन लिंक :- Nominate/Apply Now

पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत, इस पुरस्कार को पाने के लिए पात्रता निम्नलिखित है!

 

  • स्वदेशी गोवंस की श्रेणी में पंजीकृत 50 नस्लों और भैंसों की 17 नस्लों में से किसी भी मान्यता प्राप्त

देशी नस्ल को बनाए रखने वाले गो पालक किसान इस राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए

आवेदन करने के पात्र होंगे।

 

 

  • . राज्य/संघ राज्य क्षेत्र पशुधन विकास बोर्ड/राज्य/दूध संघों/गैर सरकारी संगठनों और

अन्य निजी संगठनों के एआई तकनीशियन जिन्होंने कम से कम 90 दिनों के लिए एआई प्रशिक्षण प्राप्त किया है,

वे पुरस्कार के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे।

 

 

  • एक सहकारी समिति / दुग्ध उत्पादक कंपनी (एमपीसी) / किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) जो

ग्रामीण स्तर पर स्थापित डेयरी गतिविधियों में लगी हुई है और सहकारी अधिनियम / कंपनी अधिनियम के तहत

प्रतिदिन कम से कम 100 लीटर दूध एकत्र करती है और कम से कम 50 किसान है। सदस्य/दुग्ध उत्पादक सदस्य।

 

 

 

राष्ट्रिय गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए कौन स्व-नामांकन कर सकता है?

 

  • सर्वश्रेष्ठ किसान डेयरी और सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) के लिए व्यक्तियों के लिए स्व-नामांकन की अनुमति है।

 

  • सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी / दूध उत्पादक कंपनी / डेयरी किसान उत्पादक संगठन के लिए संगठन के लिए स्व-नामांकन की अनुमति है।

 

 

क्या है राष्ट्रीय गोकुल मिशन?

राष्ट्रिय गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए क्या है चयन प्रक्रिया?

गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए आवेदन लिंक :- Nominate/Apply Now

  • एमएचए वेबसाइट पर प्राप्त आवेदनों की प्रारंभिक जांच क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) या किसी अन्य एजेंसी द्वारा की जाएगी।

 

  • एजेंसी डीएएचडी द्वारा प्रदान किए गए मूल्यांकन / स्कोर कार्ड के अनुसार आवेदनों को स्कोर करेगी और

डीएएचडी द्वारा गठित पुरस्कार स्क्रीनिंग समिति को प्रत्येक श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ 20 आवेदनों की सिफारिश करेगी।

 

  • सभी शॉर्टलिस्ट किए गए आवेदनों का फील्ड विजिट / सत्यापन एनडीडीबी / डीएएचडी द्वारा पहचानी गई किसी अन्य एजेंसी के माध्यम से किया जाएगा।

 

  • अवार्ड स्क्रीनिंग कमेटी, डीएएचडी सर्वश्रेष्ठ आवेदकों (प्रत्येक श्रेणी में अधिमानतः 5) को चुनेगी और राष्ट्रीय पुरस्कार समिति (एनएसी) को इसकी सिफारिश करेगी।

 

राष्ट्रिय गोपाल रत्न पुरस्कार
  • यदि आवश्यक हो तो चयन समिति आपने अधिकार के तहत केंद्र / राज्य / एनडीडीबी अधिकारियों को शामिल करके या किसी बाहरी एजेंसियों का साथ लेकर इस प्रक्रिया की भौतिक सत्यापन कर सकती है / लाइव वीडियो फुटेज मांग सकती है।

 

  • चयन समिति इस चयन प्रक्रिया की पारदर्शीकता के लिए अपनी संतुष्टि होने तक स्क्रीनिंग के लिए

आवश्यक दस्तावेज की प्रमाण मांग सकती है। 

इस प्रयोजन के लिए होनेवाले आर्थिक व्यय आरजीएम योजना के बजट प्रावधान से पूर्ति की जाएगी।

 

  • गोपाल रत्न पुरस्कार चयन समिति भौतिक स्क्रीनिंग के लिए कार्यप्रणाली और मानदंड स्वयं तय करेगी।

 

  • गोपाल रत्न पुरस्कार चयन समिति पुरस्कार विजेताओं के नामों की आधिकारिक घोषणा होने तक समिति पुरस्कारों के लिए उम्मीदवारों के चयन पर गोपनीयता बनाए रखेगी।

 

  • स्क्रीनिंग कमेटी आवेदन को अस्वीकार करने, सिफारिश किए जाने वाले पुरस्कार विजेताओं की संख्या पर निर्णय लेने का अधिकार सुरक्षित रखेगी।

 

 

 

 

कब और कहाँ होंगे राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार २०२२ की विजेताओं के नाम की घोषणा?

गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए आवेदन लिंक :- Nominate/Apply Now

प्रत्येक श्रेणी में पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा माननीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री द्वारा 31 अक्टूबर 2022 (श्री सरदार बल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन) पर की जाएगी।

 

  1. पुरस्कार समारोह राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 26 नवंबर 2022 को पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा तय किए गए स्थान पर आयोजित किया जाएगा।

 

iii. माननीय प्रधानमंत्री / माननीय डीएएचडी मंत्री उपलब्धता के अनुसार पुरस्कार प्रदान करेंगे।

 

 

क्या है गोपाल रत्न पुरस्कार?
भारत में पंजीकृत गाय की नसलें: 

 

क्रम सं.नस्‍लप्रजनन क्षेत्र 

 मुख्य उपयोग

1.अमृतमहलकर्नाटकपरिवहन और भारवहन
2.बाचौरबिहारभारवहन
3.बद्रीउत्तराखंडदूध और भारवहन
4.बारगुरतमिलनाडुभारवहन
5.बेलाहीहरियाणा और चंडीगढ़दूध और भारवहन
6.बिंझारपुरीओड़िशादूध और भारवहन
7.डागरीगुजरातभारवहन
8.डांगीमहाराष्ट्र और गुजरातभारवहन
9.देवनीमहाराष्ट्र और कर्नाटकदूध और भारवहन
10.गंगातीरीबिहार और

उत्तर प्रदेश

दूध और भारवहन
11.गावलावोमहाराष्ट्र और मध्य प्रदेशदूध और भारवहन
12.घुमसारीओड़िशाभारवहन
13.गिरगुजरातदूध
14.हल्लिकरकर्नाटकभारवहन
15.हरियानाहरियाणादूध और भारवहन
16.हिमाचली पहाड़ीहिमाचल प्रदेशदूध और भारवहन
17.कांगेयमतमिलनाडुभारवहन
18.कांकरेजगुजरात और राजस्थानदूध और भारवहन
19.केंनकाथाउत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेशभारवहन
20.खरियारओड़िशाभारवहन
21.खैरीगढ़उत्तर प्रदेशभारवहन
22.हिल्लारमहाराष्ट्र और कर्नाटकभारवहन
23.कोकन कपिलामहाराष्ट्रभारवहन
24.कोसालीछत्तीसगढ़भारवहन
25.कृष्णा वैलीकर्नाटक और महाराष्ट्रभारवहन
26.लद्दाखीजम्मू-कश्मीरभारवहन
27.लखीमीआसमदूध और भारवहन
28.मालनाद गिद्दाकर्नाटकभारवहन
29.मालवीमध्य प्रदेशभारवहन
30.मेवातीराजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेशभारवहन
31.मोटूओड़िशाभारवहन
32.नागौरीराजस्थानभारवहन
33.नारीगुजरात और राजस्थानदूध और भारवहन
34.निमाड़ीमध्य प्रदेशभारवहन
35.ओंगोलआंध्र प्रदेशदूध और भारवहन
36.पोनवारउत्तर प्रदेशभारवहन
37.पोडा थिरूपूतेलंगानादूध और भारवहन
38.पुलिकुलमतमिलनाडुभारवाहन एवं खेल (जल्लीकट्टू)
39.
पुंगनूर
आंध्र प्रदेश
दूध और भारवहन
40.पूर्णियाबिहारदूध और भारवहन
41.राठीराजस्थानदूध
42.रेड कंधारीमहाराष्ट्रभारवहन
43.रेड सिंधीउड़ीसा, तमिलनाडु, बिहार, केरल और असमदूध
44.साहीवालपंजाब और राजस्थानदूध
45.श्वेत कपिलाउत्तर और दक्षिण गोवादूध
46.सिरीसिक्किम और पश्चिम बंगालभारवहन
47.थारपारकरगुजरात और राजस्थानदूध और भारवहन
48.थुथोनागालैंडभारवहन  और मांस
49.अम्बलाचेरीतमिलनाडुभारवहन
50.वेचूरकेरलदूध और खाद

 

 

क्या है गोपाल रत्न पुरस्कार?
भारत में पंजीकृत भैंस  की नस्‍लें :

 

क्र.सं.नस्लप्रजनन क्षेत्रमुख्य उपयोग
1.बन्नीगुजरातदूध
2.बारगुरतमिलनाडुदूध और खाद
3.भदावरीउत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेशदूध और भारवहन
4.छत्तीसगढ़ीछत्तीसगढ़।भारवहन, दूध और मांस
5.चिलिकाओड़िशाभारवहन  और दूध
6.गोजरीहिमाचल प्रदेश और पंजाबदूध और भारवहन
7.जाफराबादीगुजरातदूध और भारवहन
8.कालाहांडीओड़िशादूध और भारवहन
9.ल्यूट (स्वैम्प)असमदूध और भारवहन
10.मराठवाड़ीमहाराष्ट्रदूध और भारवहन
11.मेहसानागुजरातदूध
12मुर्राहरियाणा और दिल्लीदूध
13.नागपुरीमहाराष्ट्रदूध और भारवहन
14.नीली रावीपंजाबदूध
15.पंढरपुरीमहाराष्ट्रदूध
16.सुरतीगुजरातदूध और भारवहन
17.टोडातमिलनाडुभारवहन

 

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